मध्य प्रदेश में गरमाई सियासत! नारियल से लेकर शैम्पेन तक का हो रहा जिक्र
उपचुनाव की वजह से इस वक्त मध्य प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता इस वक्त चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
भोपाल. उपचुनाव की वजह से इस वक्त मध्य प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता इस वक्त चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान सभी नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप लगात रहे हैं और व्यंग कस रहे हैं। शनिवार को सीएम शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। दरअसल शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर में घुटने के बल बैठ कर जनता को धन्यवाद किया था, जिसके बाद कमलनाथ ने ट्वीट कर उनपर तंज कसा।
पढ़ें- ओवैसी ने जताई मोहन भागवत के बयान से आपत्ति, पूछ लिए कई सवाल
कमलनाथ ने कहा कि यदि नेता जनता को झूठे सपने, झूठे सब्ज़बाग़ ना दिखाये, झूठी घोषणाएँ ना करे, झूठे चुनावी नारियल ना फोड़े, जनता से किये अपने हर वादे को वचन समझ पूरा करे, जनता को झूठे- लच्छेदार भाषण परोसकर मूर्ख ना समझे, अपनी सत्ता लोलुपता के लिये सौदेबाज़ी से जनादेश का अपमान कर राजनीति को कलंकित ना करे, जनहित उसके लिये सदैव सर्वोपरि हो तो जनता उसे हमेशा सर आँखो पर बैठाती है, अपने सर का ताज बनाती है, उसको घुटने टेकने की कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ती है।
पढ़ें- ह में राम बगल में छुरी, चीन के सुरक्षाकर्मियों ने बॉर्डर पर नेपाली टीम के साथ किया 'गंदा काम'
कांग्रेस नेता के इस आरोप पर सीएम शिवराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जनता हमारी भगवान है, अहंकार कांग्रेस को मुबारक हो। मंदसौर नीमच की जनता ने 2018 की चुनाव में BJP को एक तरफा जीत दी थी केवल 300 वोट से हारे थे बाकी सब जीते थे। मुझे लगा कि जनता का धन्यवाद शीश झुकाकर करना चाहिए। एक बार नहीं लाखों बार जनता को शीश झुकाता रहूंगा। शिवराज ने आगे कहा कि विकास के काम कमलनाथ ने जो काम ठप कर दिए उसे हमने फिर से शुरू किया। अब हम विकास के कार्य कर रहें तो इन्हें तकलीफ हो रही है और कुछ नहीं मिल रहा तो कह रहें हम नारियल लेके चलते हैं, नारियल सेवा का प्रतीक है। नारियल लेकर चलता हूं, कोई शैम्पेन की बोतल तो लेकर नहीं चलता।
पढ़ें- दिल्ली से देश के विभिन्न रूटों पर चलेंगी नई स्पेशल trains, यहां है पूरी जानकारी
सीएम शिवराज के इस तंज पर कमलनाथ ने फिर ट्वीट किया। उन्होंने कहा, "शिवराज जी, आपने ठीक कहा कि नारियल पवित्रता का प्रतीक है, सेवा का प्रतीक है, इसका उपयोग हम पूजा में करते हैं इसीलिए तो मैं कहता हूं कि आप झूठे चुनावी नारियल फोड़कर पवित्रता के प्रतीक इस नारियल का मजाक मत उड़ाइए, इसे गुमराह व भ्रमित करने वाली राजनीति का हिस्सा मत बनाइए। मुझे खुशी होती यदि आप 15 वर्ष जेब में नारियल लेकर चलते लेकिन आप तो सिर्फ चुनाव में ही नारियल लेकर चलते हैं और उसे कहीं भी फोड़ देते हैं, उससे मुझे आपत्ति है। मुझे उस समय भी खुशी होगी जब आप लोकार्पण के नारियल फोड़ेंगे।"
पढ़ें- 'कुछ ऐसे लोग हैं जिनके DNA में विभाजन है, उनको पूरा कुछ भी अच्छा नहीं लगता'