मध्य प्रदेश में सामने आए कोरोना वायरस के 4,043 नए मामले, पूर्णबंदी की तरफ बढ़ रहे हालात
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,043 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 3,18,014 तक पहुंच गयी।
भोपाल: मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,043 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 3,18,014 तक पहुंच गयी। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में इस महामारी से प्रदेश में 13 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इससे मरने वालों की संख्या 4,086 हो गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बुधवार को कोविड-19 के 866 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 618 नये मामले सामने आये। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 3,18,014 संक्रमितों में से अब तक 2,87,869 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी हैं और 26,059 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि बुधवार को 2,126 और लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।
प्रदेश में कोरोना की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, अस्पतालों में मरीजों को वह सुविधाएं आसानी से नहीं मिल पा रही हैं जिनकी जरुरत है। यही कारण है कि राज्य के 12 जिलों में रविवार को पूर्णबंदी को यथावत रखा गया है तो कई अन्य जिलों में भी पूर्णबंदी की तैयारी है। इतना ही नहीं कई जिलों में तो सप्ताह में दो दिन की पूर्णबंदी हो सकती है। राज्य में सबसे बुरा हाल इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन के हैं। राज्य में 12 जिले ऐसे हैं जहां हर रविवार को पूर्णबंदी रहेगी। इसके साथ ही सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि जहां ज्यादा जरुरत है वहां एक दिन नहीं दो दिन की पूर्णबंदी की जा सकती है।
एक तरफ जहां सरकार कोरोना से निपटने के इंतजाम बेहतर होने का दावा कर रही है, वहीं विपक्षी दल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों में जागृति लाने के मकसद से 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के संबंध में जन-जागृति के लिए आरंभ किए गए 'स्वास्थ्य आग्रह' अभियान को मिले जन-समर्थन से मैं अभिभूत हूं। यह युद्ध समाज के सहयोग के बिना नहीं लड़ा जा सकता। राज्य शासन हरसंभव व्यवस्थाएं कर रहा है, पर समाज का सहयोग आवश्यक है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन अंतिम उपाय है। देश-दुनिया सहित मध्यप्रदेश में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है, नियंत्रण के हरसंभव प्रयास जारी है। जिलों के आपदा प्रबंधन समूह स्थानीय परिस्थितियों के संबंध में चौकस हैं। आवश्यकता होने पर स्थिति पर नियंत्रण के लिए अंतिम विकल्प के रूप में लॉकडाउन लगाने या बढ़ाने के संबंध में विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम सभी को मिलकर जनता तक ये संदेश पहुंचाना है और स्वयं भी इसका पालन करना है कि 'मास्क नहीं तो बात नहीं', 'मास्क नहीं तो सामान नहीं' और 'मास्क नहीं तो आना-जाना नहीं'। मुख्यमंत्री चौहान ने स्वास्थ्य सेवाओं में की जा रही बढ़ोत्तरी का जिक्र करते हुए कहा, कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को 24 हजार से बढ़ाकर 36 हजार की जायेगी। कोविड मरीजों के निशुल्क इलाज के लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या को बढ़ाकर 15 हजार किया जायेगा।
राज्य के कई हिस्सों में कोविड के उपचार में मददगार रेमिडीसिवर इंजेक्शन आसानी से सुलभ नहीं हो पा रहा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि इंजेक्शन के उपयोग के सम्बन्ध में मानक प्रक्रिया एवं प्रोटोकॉल निर्धारित किया जाएगा। इससे रेमिडीसिवर के अनावश्यक उपयोग पर लगाम लगेगी और अभाव दूर होगा। शासकीय स्तर पर रेमिडीसिवर इंजेक्शन खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। गरीब तथा मध्यम वर्ग को यह इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
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