मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1854 नए मामले, 63 मरीजों की मौत
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,854 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,75,709 तक पहुंच गयी।
भोपाल: मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,854 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7,75,709 तक पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में 63 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से जान गंवाने वालों की संख्या 7,891 हो गयी है। यह जानकारी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के 526 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 389 एवं जबलपुर में 103 नये मामले आये। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 7,75,709 संक्रमितों में से अब तक 7,33,496 मरीज स्वस्थ हो गये हैं और 34,322 मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कोविड-19 के 5,796 रोगी स्वस्थ हुए हैं।
वहीं, ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित एक मरीज का यहां सरकारी अस्पतालों द्वारा कथित तौर पर इलाज करने से इनकार किये जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (एमपीएचआरसी) ने भोपाल के संभागीय आयुक्त और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक से जवाब मांगा है। मीडिया की खबरों के अनुसार छिंदवाड़ा से प्रदेश की राजधानी भोपाल में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए हाल ही में आए एक मरीज को एम्स, भोपाल और हमीदिया अस्पताल ने बिना इलाज किए वापस कर दिया था।
एमपीएचआरसी ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बृहस्पतिवार को अधिकारियों को 10 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने अधिकारियों से तीन बिन्दुओं पर सवाल किया है - किन परिस्थितियों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने से इंकार किया गया, क्या उसके इलाज की कोई व्यवस्था की गई तथा इस बीमारी का अगर छिंदवाड़ा में उपचार उपलब्ध था तो उसे भोपाल क्यों रेफर किया गया।
आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 45 वर्षीय मरीज को बिस्तर के अभाव में एम्स, भोपाल में सात घंटे तक भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद मरीज के परिजन उसे शासकीय हमीदिया अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी बिस्तर उपलब्ध नहीं होने पर वह उसे वापस एम्स, भोपाल ले आए। प्रदेश के वन विभाग में लिपिक के तौर पर काम करने वाले इस मरीज ने 22 मार्च को कोरोना का टीका लगवाया था। इसके सातवें दिन 28 मार्च को वह बीमार हो गया और 12 अप्रैल को उसे लकवा का दौरा पड़ा और उसके बाईं आंख सूज गई। छिंदवाड़ा के डॉक्टरों ने कहा कि उसे ब्लैक फंगस हो गया है और इलाज के लिये मरीज को भोपाल रेफर कर दिया।
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