MP News: मध्यप्रदेश में कई टन यूरिया हुई गायब, CM ने बुलाई आपात बैठक; जानें पूरा मामला
MP News: निजी वाहन चालकों ने जिन जिलों की सहकारी समितियों में यूरिया भेजा जाना था उनके स्थान पर निजी जगहों पर सप्लाई कर दिया।
Highlights
- सरकारी गोदामों तक कम मात्रा में पहुंची यूरिया
- 4 जिलों के लिए अलग-अलग जांच टीमों का गठन
- किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए- CM
MP News: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए मिलने वाले यूरिया में गड़बड़ी का बड़ा मामला उजागर हुआ है। यह मामला जबलपुर जिले से सामने आया है। दरअसल, जबलपुर समेत मंडला डिंडोरी दमोह और सिवनी के लिए यूरिया के रेक में से अधिकतर यूरिया 4 जिले की सहकारी समितियों तक पहुंच ही नहीं पाई, सूत्रों के मुताबिक अधिकतर कई टन यूरिया गायब है। जिसके चलते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में नजर आए। सुबह 7:00 बजे भोपाल से शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर संभाग को आवंटित यूरिया के संबंध में आला अधिकारियों के साथ बैठक ली।
दोषियों के विरुद्ध एक्शन लिया जाए- शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद वितरण में लगे कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा दोषियों के विरुद्ध एक्शन लिया जाए। जिस पर जबलपुर संभाग आयुक्त ने बताया की खाद्य डाइवर्ट करने पर फर्टिलाइजर मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर का वायलेशन हुआ है 3A, 3B, 3C एक्ट की धाराओं के अंतर्गत आज ही FIR की जाएगी।
किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए- CM
CM शिवराज ने कहा कि हमारे किसानों को खाद से वंचित करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, जिस समय खाद की आवश्यकता है उस समय ऐसा होना एक गंभीर अपराध है। इसलिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए। सीएम के मुताबिक केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है। किसान तक खाद की आपूर्ति पर कड़ी नजर रखी जाए जरूरत के समय किसान को खाद की कमी नहीं होना चाहिए।
सीएम द्वारा ली गई बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी संभाग आयुक्त जबलपुर सहित पुलिस प्रशासन के जबलपुर के अधिकारी और मार्कफेड के अधिकारी वर्चुअली सम्मिलित हुए।
4 जिलों के लिए अलग-अलग जांच टीमों का गठन
सूत्रों के मुताबिक किसानों के लिए यूरिया की आपूर्ति के लिए जबलपुर समेत मंडला, डिंडोरी, दमोह और सिवनी के लिए आए यूरिया के रेक में से सिर्फ 15 से 25 फीसदी यूरिया ही 4 जिलों की सहकारी समितियों तक पहुंच सका। जबकि सैकड़ों टन यूरिया गायब हो गया है। पूरे मामले को लेकर कृषि विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने 4 जिलों के लिए अलग-अलग जांच टीम का गठन कर दिया है और यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर करोड़ों का यूरिया कहां चला गया।
निजी वाहन चालकों ने यूरिया निजी स्थान पर सप्लाई किया
सीएम के साथ हुई बैठक में जबलपुर संभाग आयुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया यूरिया खाद के आवंटन की जिम्मेदारी KRIBHCO की थी । 25 अगस्त को रेक के जरिए जबलपुर में 2600 मेट्रिक टन यूरिया पहुंचा। KRIBHCO को बता दिया गया था कि किस जिले को कितना आवंटन करना है। KRIBHCO निजी वाहन चालकों द्वारा विभिन्न जिलों में यूरिया की आपूर्ति करता है। निजी वाहन चालकों द्वारा 28 से 31 अगस्त के बीच परिवहन किया गया, लेकिन वाहन चालकों ने जिन जिलों की सहकारी समितियों में यूरिया भेजा जाना था उनके स्थान पर निजी जगहों पर सप्लाई कर दिया।
कम अनुपात में पहुंचा यूरिया
सूत्रों के मुताबिक नियम के तहत सप्लायर को 70 फ़ीसदी स्टॉक सरकारी आपूर्ति के लिए देना होता है जिसके चलते 1853 मीट्रिक टन यूरिया 4 जिलों के लिए आवंटित हुआ। इस यूरिया को कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग जिलों में खपत के माध्यम से अनुपात में बांटते हुए उसका अलॉटमेंट भी जारी हो गया। लेकिन जिन भी जिलों में यूरिया पहुंचा उसका आंकड़ा आधे से भी कम बताया जा रहा है।