MP News: मध्यप्रदेश के रतलाम में एक स्कूल शिक्षक द्वारा छात्राओं को थप्पड़ मरने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। इस घटना में शिक्षक ने महज इसलिए छात्राओं को थप्पड़ मारे, क्योंकि उन्हें गिनती नहीं आ रही थी। यह मामला मध्य प्रदेश के रतलाम में ममतखेड़ा में स्थित सरकारी स्कूल का है। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही शिक्षक जेके मोगरा को जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने निलंबित कर दिया। मामले में विभागीय स्तर पर भी जांच जारी रहेगी। मारपीट की घटना के दो वीडियो वायरल हुए। इस घटना के बाद पैरेंट्स ने भी कार्रवाई की मांग की है। जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। इस घटना की जांच बीआरसी विनोद शर्मा और पिपलोदा बीईओ शक्ति सिंह परिहार द्वारा की जा रही है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद इसे आधार बनाकर डीईओ शर्मा ने शिक्षक मोगरा को निलंबित करने का आदेश जारी किया। इस मामले में शर्मा का कहना है कि पढ़ाई के दौरान पिटाई को किसी भी रूप में सही नहीं माना जा सकता। वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि क्या हुआ, किस तरह छात्राओं को थप्पड़ मारे गए। इसी आधार पर टीचर का निलंबन किया गया। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या दिखाई दे रहा है वायरल वीडियो में?
टीचर का छात्राओं को बेरहमी से पीटने का वीडियो वायरल हो रहा है। सबसे पहले वह बोर्ड के सामने खड़ी छात्रा को थप्पड़ मारते नजर आ रहे हैं। इसके बाद छात्रा बोर्ड के सामने आती है और फिर वह कुछ पड़ने की कोशिश करती दिखाई देती है। लेकिन वीडियो में यह देखा जा सकता है कि शिक्षक उसके सिर पर पीछे से वार करता है। फिर उसे लगातार थप्पड़ मरता जाता है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही उस टीचर पर कार्रवाई की गई है।
सजा का ये है प्रावधान
देश में स्कूलों में मिलने वाली प्रताड़ना से तंग आकर बच्चों के आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम-2015 लागू किया है। इसमें धारा 82 के तहत कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसके तहत धारा 82(1) में शारीरिक दंड देना का दोष सिद्ध होने पर शिक्षक पर 10 हजार रुपए जुर्माना है। दूसरी बार दोष सिद्ध होने पर तीन माह जेल हो सकती है। वहीं धारा 82(2) में संबंधित शिक्षक को बर्खास्त करना अनिवार्य है। इसी तरह धारा 82(3) के तहत जांच में सहयोग नहीं वाले को तीन माह सजा और संस्था पर एक लाख का जुर्माने का प्रावधान है।