MP News: मध्य प्रदेश में अगले विधानसभा के चुनाव है। इसे लेकर दोनों प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी अपनी ओर प्रचार के लिए कमर कस ली है। बीजेपी जहां आदिवासी वोट और सौगातों के साथ वापस सत्ता वापसी की कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस सरकार जो कि कमलनाथ के नेतृत्व में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता पर आसीन हो चुकी थी। लेकिन जिस तरह से सरकार गिरी उसका बदला वह बीजेपी से लेना चाहती है। दोनों ही ओर कश्मकश का दौर शुरू हो गया है। इसी बीच कांग्रेस का जहां तक सवाल है एमपी की राजनीति में कांग्रेस कमलनाथ के बल पर ही चुनाव लड़ेगी। चुनाव लड़ने के दौरान कमलनाथ ही कांग्रेस का बड़ा चेहरा होंगे। उन्हीं के कंधों पर पार्टी का सारा दारोमदार रहने वाला है।
राज्य में वर्ष 2018 में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस के हाथ में सत्ता आई थी। मगर अपनों की दगाबाजी ने कांग्रेस को फिर विपक्ष में लाकर खड़ा कर दिया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ तत्कालीन 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और अब तक यह आंकड़ा 29 पर पहुंच गया है। कमलनाथ दल बदलकर फिर विधायक बने एमएलए को शिकस्त देने की तैयारी में है।
जिस इलाके के विधायकों ने दल बदला, वहां कमलनाथ सक्रिय
कांग्रेस ने दल-बदल कर विधायक बनने वालों के इलाकों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और कमलनाथ ने इसका आगाज भी कर दिया है। बीते दिनों छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और जमकर गरजे भी। इस क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी हैं। लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। बड़ा मलहरा विधानसभा सीट से वर्ष 2003 में उमा भारती भी विधायक निर्वाचित हुई थी।
छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा सीट से की शुरुआत
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ का सबसे ज्यादा जोर उन विधानसभा क्षेत्रों में है जहां के वर्तमान विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीत गए। इन क्षेत्रों के लिए कमलनाथ ने एक खास रणनीति बनाई है और उस पर अमल भी शुरू हो गया है। शुरूआत छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा से उन्होंने कर भी दी है और आने वाले समय में उन क्षेत्रों तक वे पहुंचेंगे जहां के विधायकों ने कांग्रेस को धोखा किया था।
एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही कांग्रेस
पार्टी पूरी तरह कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। गुटों में बंटी कांग्रेस को कमल नाथ ने एक बार फिर एक जुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके बावजूद वर्तमान में कांग्रेस में गुट तो नजर नहीं आ रहे है मगर कई बड़े नेता सक्रिय भी नहीं है। कुल मिलाकर कांग्रेस में सिर्फ एक नाथ के तौर पर कमलनाथ ही दिखाई दे रहे हैं।
चुनाव में कश्मकश से भरी होगी दोनों पार्टियों में टक्कर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। इस चुनाव में दोनों ही राजनीतिक दलों के संगठन की बड़ी भूमिका रहने वाली है। भाजपा लगातार बूथ स्तर पर पहुंचने के अभियान में जुटी है तो वहीं कांग्रेस को भी बूथ स्तर पर अपनी पहुंच को मजबूत बनाना होगा।