MP News: भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से शिवराज सिंह के बाहर होने के बाद चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। बीजेपी के इस फैसले से हर कोई हैरान है। बीजेपी में ही उनके विरोधी अपनी जित मान रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अब शीर्ष नेतृत्व में उनकी पैठ बन सकेगी। आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान 2013 में बीजेपी की संसदीय बोर्ड के सदस्य बने थे। लेकिन अब उनकी जगह भाजपा के सीनियर नेता सत्यनारायण जटिया को सदस्य बनाया गया है।
वहीं संसदीय बोर्ड से बाहर होने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह करूंगा। पार्टी मझे जहां रहने को कहेगी मैं वहीं रहूंगा। राजनीति में किसी को भी महत्वाकांक्षा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ अपने देश के बारे में सोचिए, बाकी आपके लिए पार्टी हमेशा ही करती हैं। सीएम ने कहा कि मैं सिर्फ काम करता रहूंगा और निरंतर देश हित के लिए समर्पित रहूंगा।
Image Source : fileMP CM Shivraj Singh
मैं पार्टी के निर्देशानुसार काम करूंगा - शिवराज सिंह
शिवराज सिंह ने कहा, "बीजेपी एक विशाल परिवार है और इसके प्रवाह में कोई आगे बढ़ता है तो कोई बाहर भी निकल आता हैं। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है जो यह तय करती है कि किसे क्या काम देना है और कौन क्या काम करेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है वे सभी योग्य हैं। मैं भी पार्टी के निर्देशानुसार काम करूंगा।"
नितिन गडकरी को भी किया गया है बाहर
बता दें भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को अपने नए संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति का ऐलान किया था। बीजेपी के इस संसदीय बोर्ड में कुल 11 नेताओं को जगह दी गई है। इसके साथ ही केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। बीजेपी के संसदीय बोर्ड में इकबाल सिंह लालपुरा के तौर पर पहली बार किसी सिख को जगह मिली है।