MP News : मध्य प्रदेश के धार जिले के खलघाट में नर्मदा नदी (Narmada River) के पुल पर अनियंत्रित होकर गिरी महाराष्ट्र परिवहन की बस में सवार 12 शव मिलने की अब तक पुष्टि हुई है। लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। प्रशासन इस बात के लिए सर्चिंग कर रहा है कि रास्ते में कोई पैसेंजर तो बस में नहीं बैठा था। दरअसल लगातार बारिश के चलते बांध से पानी छोड़े जाने के चलते नर्मदा नदी का वाटर लेवल बढ़ा हुआ है इस कारण तलाशी अभियान में दिक्कत आ रही है।पुल के नीचे नर्मदा नदी में SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन की टीम सर्चिंग कर रही है ।
12 लोगों की मौत की पुष्टि
इस बीच NH-3 एबी रोड खलघाट में सोमवार को हुए बस हादसे पर मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इस हादसे में 12 लोगों की मौत हुई है। सभी मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिए गए हैं। इंदौर के सरवटे बस स्टैंड से ड्राइवर-कंडक्टर समेत 12 लोगों के सवार होने की पुष्टि हुई है। लेकिन बस में कोई रास्ते में तो नहीं बैठा था. इस भ्रम को दूर करने के लिए अभी भी सर्चिंग की जा रही है।
10-10 लाख रुपये का मुआवजा
गौरतलब है घटना की जांच के आदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री दे चुके हैं। घटना में मृतकों के परिजनों को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से 10-10 लाख की अनुग्रह राशि देने की बात कही गई है वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने भी मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपए देने की घोषणा की है।
रेलिंग तोड़ते हुए नदी में गिरी बस
हादसे के वक्त यह बस इंदौर से अमलनेर जा रही थी। खलघाट में नर्मदा नदी पर बने पुल से गुजरते वक्त बस अनियंत्रित हो गई और रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी। बस को क्रेन की मदद से नर्मदा नदी से बाहर निकाला गया। रेलिंग तोड़ने के बाद बस पुल के पिलर के आस-पास कंक्रीट के चबूतरे से वेग से टकरा गई। जिससे इसमें सवार यात्रियों को कुछ सोचने-समझने का मौका ही नहीं मिला। बचाव में लगे लोगों का कहना था कि अगर बस सीधे नदी में गिरती, तो संभव था कि कुछ यात्री तैरकर अपनी जान बचा लेते क्योंकि वहां पानी ज्यादा गहरा नहीं था।