MP News: देश भर में आज जहां 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की तर्ज पर बेटियों को शिक्षा और सस्मान मिल रहा है, वहीं मध्य प्रदेश से एक ऐसी खबर आई है जो हमें सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या अभी भी लोगों की मानसिकता बदली नहीं है? क्या लोग अब भी लड़कियों की पढ़ाई को लेकर जागरूक नहीं हैं? क्या अब भी शिक्षा पर सबका अधिकार नहीं है? दरअसल मध्य प्रदेश के एक गांव में दलित लड़की को कुछ लोगों ने स्कूल जाने से इसलिए रोक दिया क्योंकि गांव की अन्य लड़कियां स्कूल नहीं जातीं। जब वह स्कूल से घर लौट रही थी तब कुछ लोगों ने उसका रास्ता रोक दिया। उसका बस्ता छीन लिया गया। लड़की को धमकी दी गई कि वह फिर से स्कूल नहीं जाएगी। जिन लोगों ने उसका रास्ता रोका था उनका कहना था कि गांव की कोई भी लड़की स्कूल नहीं जाती है ऐसे में उसे भी स्कूल जाना बंद करना होगा। इसको लेकर लड़की के परिवार वालों ने विरोध किया। मामला पुलिस तक पहुंचा।
मामले में सात लोग गिरफ्तार
पुलिस ने लड़की को स्कूल जाने से रोकने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबकि कुछ स्थानीय लोगों ने यह कह कर लड़की को स्कूल जाने से रोका कि अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं। पुलिस ने बताया कि बवालियाखेड़ी गांव में कथित घटना के बाद लड़की के परिवार और गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवारों के बीच झगड़ा हुआ। इस घटना में कुछ लोग घायल हो गए।
लड़की के परिवार ने किया विरोध
कोतवाली थाना प्रभारी अवधेश कुमार शेषा ने बताया कि घटना उस समय हुई जब अनुसूचित जाति समुदाय की 16 वर्षीय लड़की शनिवार दोपहर स्थानीय स्कूल से पढ़कर घर लौट रही थी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने लड़की का रास्ता रोका, उसका बस्ता छीना और उससे स्कूल नहीं जाने को कहा। लोगों ने कहा कि गांव की अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं। बाद में लड़की के परिवार के लोगों और आरोपियों के परिजनों के बीच इसी बात पर झड़प हुई। उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद पुलिस ने भादंवि और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।