MP News : राष्ट्रपति चुनाव (President election) के आए नतीजों के चलते मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) में हड़कंप मच गया है।चुनावों में एमपी से करीब 19 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।भाजपा () का मानना है 19 में से अधिकतर कांग्रेस के विधायक हैं वहीं राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक करोड़ में विधायक खरीदने का आरोप लगा चुकी कांग्रेस अब समीक्षा करने की बात कर रही है।
19 विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज पर दिया वोट
राष्ट्रपति चुनाव में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अंतरात्मा की आवाज पर आदिवासी महिला राष्ट्रपति चुनने के लिए की गई लामबंदी का नतीजा सामने आ गया है। कल आए नतीजे में मध्यप्रदेश में तकरीबन 19 विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की खबर सामने आई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा इंडिया टीवी से बातचीत में कहा देश के जनमानस में अंतरात्मा का जो जनसमर्थन आदिवासी समुदाय के लिए था वहीं कांग्रेसी विधायकों में भी दिखा। यही वजह है 19 विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज पर द्रोपदी मुर्मू को समर्थन दिया है। चुनाव से पहले विधायकों को एक करोड़ रुपए में खरीदे जाने के कमलनाथ और यशवंत सिन्हा के आरोपों पर वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस चुनाव हारती है तो कहते हैं ईवीएम का मुद्दा उठाते हैं अब राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग में विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, ये उन्हें पहले से मालूम था इसलिए उन्होंने पहले ही सही आरोप लगाना शुरू कर दिया
कांग्रेस के 79 विधायकों ने यशवंत सिन्हा के पक्ष में दिया वोट
दरअसल 230 विधानसभा सीट वाले मध्य प्रदेश में बीजेपी के पास 127 विधायक है और एनडीए के समर्थन में 146 विधायकों ने वोट दिए हैं, इस लिहाज से बीजेपी समर्थित एनडीए के उम्मीदवार को भाजपा के अलावा तकरीबन 19 विधायकों ने समर्थन दिया है। वहीं कांग्रेस समर्थित यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मध्य प्रदेश से 79 वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस के पास वक्त 96 विधायक हैं।समाजवादी पार्टी के पास एक और बीएसपी के पास दो विधायक हैं। मतदान के दौरान 5 मतों को निरस्त भी किया गया है। ऐसे में 96 विधायकों वाली कांग्रेस की तरफ से यूपीए उम्मीदवार को 96 मत कांग्रेस की तरफ से मिलने चाहिए थे लेकिन सिर्फ 79 वोट ही डाले गए। ऐसे में भाजपा की तरफ से सवाल उठना ही थे।
पहले साख गई, अब नाक गई
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंडिया टीवी से कहा 2018 में मिली सत्ता गंवाने पर कमलनाथ की साख गई थी अब राष्ट्रपति चुनाव मे कमलनाथ की नाक भी चली गई है। कमलनाथ ने चुनाव से पहले ही विधायकों की ईमान पर सवाल उठा दिया था उनको बिकाऊ बता दिया था इसलिए विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और क्रॉस वोटिंग कर दी। राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जर्जर होती कांग्रेस के लिए आखिरी कील हैं।
2020 में 22 विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में हुए थे शामिल
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के खेमे में बड़ी सेंधमारी हुई हो।2020 में 22 विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम भाजपा की सरकार बनवाई थी। यही नहीं भाजपा की सरकार बनने के बाद चार कांग्रेस विधायक राहुल लोधी,सचिन बिरला,सुमित्रादेवी कास्डेकर,नारायण पटेल कांग्रेस छोड़ चुके हैं। ऐसे में अंतरात्मा की आवाज पर राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस के सामने बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा कहते हैं चीजें अभी क्लियर नहीं है बाकी वोटिंग पैटर्न पर कांग्रेस की समीक्षा करेंगे। जिन्होंने क्रॉस वोटिंग किया है, किस पार्टी के हैं अभी स्पष्ट नहीं हुआ है धुंधली तस्वीर है।सारे विधायक कांग्रेस के और कमलनाथ जी के साथ हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस के उड़ाए होश
जहां 24 घंटे पहले मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के आए नतीजों में कांग्रेस जश्न मना रही थी वहीं राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस के होश उड़ा दिए हैं। 2023 के चुनाव में महज 15 महीने बचे हैं ऐसे में विधानसभा का मैजिक 116 विधायक लाना तो दूर कांग्रेस के सामने मौजूदा 96 विधायकों को ही झोली में सहेज रखना बड़ी चुनौती है।