मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक बड़ी पहल शुरू की है। मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए नई पहल का ऐलान किया गया है। अब राज्य सरकार की ओर से नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के बच्चों की परवरिश की जाएगी। कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर प्रस्ताव भी पास हो गया है।
क्या है पूरी योजना?
दरअसल, मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनसे जन्मे बच्चों के पुनर्वास और कल्याण के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है। योजना के तहत दुष्कर्म पीड़िताओं से जन्मे बच्चों को एक ही जगह पर स्वास्थ्य सुविधाएं परवरिश शिक्षा पुलिस सहायता और काउंसलिंग जैसी सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना के तहत हर जिले को 10 लाख रुपए का फंड जारी किया जायेगा।
क्या है योजना का उद्देश्य?
कैबिनेट द्वारा पास प्रस्ताव के तहत पास्को अधिनियम 2012 के तहत पीड़ितों की देखभाल और सहायता के लिए यह योजना बनाई जा रही है इस योजना का उद्देश्य है पीड़ित नाबालिग गर्भवती बालिका को एक ही जगह एकीकृत सहयोग और वित्तीय सहायता प्रदान करना। पीड़िता को तत्काल आपातकालीन और गैर आपातकालीन सेवाएं प्रदान करना और दीर्घकालिक पुनर्वास के लिए विभिन्न सुविधाएं शिक्षा पुलिस सहायता चिकित्सा प्रदान करना।
डिप्टी सीएम ने दी जानकारी
मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया है कि स्कीम फ़ॉर पास्को 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ जो दुष्कर्म हो जाता है जिसके चलते वह प्रेग्नेंट भी हो जाती हैं फिर उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर जिले में 10 लाख रुपए देने का निर्णय आज हुआ है फिर उसमें आइडेंटिफिकेशन के बाद जो जो भी सहायता होगी वह मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि बहुत संवेदनशील मुद्दे पर मोहन यादव सरकार ने यह निर्णय लिया है।
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