मध्य प्रदेश: लो जी! विधायकी गई और अब बंगला भी...BJP के इन 12 मंत्रियों को खाली करना होगा सरकारी आवास
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार और बीजेपी को बंपर जीत मिली है। वहीं, भाजपा के कई नेता चुनाव हार गए हैं। अब हारे हुए मंत्रियों से उनके सरकारी आवास खाली कराए जाएंगे। जानें पूरी खबर-
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव रिजल्ट: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार और भाजपा की जीत हुई है। मतगणना से पहले ही विधानसभा सचिवालय ने ऐसे 37 विधायकों को भोपाल में स्थित सरकारी आवास को खाली करने के लिए आग्रह पत्र भेजा था, जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था। अब कहा जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय ऐसे मंत्रियों को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने इस चुनाव में हार का सामना किया है। इनमें से मध्य प्रदेश सरकार के 12 मंत्री भी शामिल हैं, जो चुनाव हार गए हैं। उन्हें भी सरकारी आवास खाली करना होगा।
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने चुनाव नहीं लड़ने वाले विधायकों को चिट्ठी लिखकर नई विधानसभा गठन तक आवास खाली करने का आग्रह किया थाा। चिट्ठी में इसकी वजह ये बताई गई थी कि विधानसभा सचिवालय के पास सीमित आवास हैं इसीलिए आपको ये खाली करने होंगे।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी खाली करना होगा बंगला
बीजेपी के 12 मंत्री जो चुनाव हारे हैं, उन्हें अब सरकारी बंगला खाली करना होगा। सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी शामिल हैं जो 6 बार से विधायक थे, लेकिन इस बार यानी कि 7वीं बार वे चुनाव हार गए हैं। इसी तरह 7 बार के विधायक गौरीशंकर बिसेन को भी इस बार हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा कमल पटेल, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रेम सिंह पटेल, अरविंद सिंह भदौरिया, राम खेलावन पटेल, रामकिशोर कावरे, सुरेश धाकड़ राठखेड़ा, राहुल लोधी, भारतसिंह कुशवाह को भी हार मिली है। अब विधानसभा सचिवालय ने हारे मंत्री व विधायकों को भी पत्र लिखने की तैयारियां शुरू कर दी है।
इन्हें लिखा गया पत्र
विधानसभा सचिवालय द्वारा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ से विधायक रहे राज्यवर्धन सिंह, सारंगपुर से कुंवरजी कोठार, बागली से पहाड़ सिंह कन्नौजे, खण्डवा से देवेन्द्र वर्मा, पंधाना से राम दांगोरे, नेपानगर से सुमित्रा कास्डेकर, जोबट से सुलोचना राव, इंदौर-3 आकाश विजयवर्गीय, उज्जैन उत्तर से पारस जैन, रतलाम ग्रामीण से दिलीप मकवाना, गरोठ से देवीलाल धाकड़, मुरैना से राकेश मावई, गोदर से मेवाराम जाटव, सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत, ब्यावरा से रामचंद्र दांगी, नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल, आष्टा से रघुनाथ सिंह मालवीय, शमशाबाद से राजश्री सिंह, बासौदा से लीना जैन, मंडला से देवीसिंह सैयाम, सिहोरा से नंदनी मरावी, देवसर से सुभाष रामचरित्र, श्योपुर से सीताराम आदिवासी, सिंगरौली से रामलल्लू वैश्य, चितरंगी से अमर सिंह, मनगवां से पंचुलाल प्रजापति, त्योथर से श्यामलाल द्विवेदी, हटा से पुरुषोत्तम तंतुवाय, चंदला से राजेश प्रजापति, कोलारस से वीरेन्द्र रघुवंशी और भांडेर से रक्षा सिरोनिया को पत्र लिखा गया था।