भोपाल: मध्य प्रदेश में चुनावी जंग का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस बार प्रदेश में एक ही चरण में मतदान 17 नवंबर को होगा और इसके नतीजे 3 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 115+ सीट चाहिए। राज्य में कुल 5 करोड़ 61 लाख 36 हजार 239 वोटर हैं।
इन 230 सीटों के लिए कांग्रेस ने अभी एक भी सीट का उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। उम्मीदवारों के नाम को लेकर अभी भी मंथन जारी है। जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार और शनिवार को एमपी की चुनावी रणनीति में मंथन किया जाएगा। यहाँ पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। इस बैठक के बाद 15 अक्टूबर रविवार को कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो सकती है। इसमें 130 से 140 सीटों के उम्मीदवारों के नाम होने की संभावना है।
गुरुवार को मंडला में प्रियंका ने की थी जनसभा
वहीं इससे पहले गुरुवार 12 अक्टूबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मंडला जिले में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में आम आदमी को परेशान किया गया। उनके अधिकारों को छीना गया। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में बेरोजगारी अपने चरम स्तर पर पहुंच गई। जिसकी वजह से युवा मजबूरन पलायन कर रहे हैं। सरकारी भर्तियों में जमकर धांधलेबाजी हो रही है। किसानों से उनकी जमीनें छीनी जा रही है। अपनी जमीनों के लिए जो किसान आंदोलन करते हैं तो उनपर गोलियां चलाई जाती हैं।
Image Source : ptiप्रियंका गांधी
बीजेपी ने प्रदेश को जमकर लूटा- प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पिछले 18 साल से राज्य की सत्ता में है। लेकिन उन्होंने काम करने की बजाय प्रदेश को जमकर लूटा। हर जगह घोटाले ही घोटाले हुए। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की 225 महीनों की सरकार में 250 से ज्यादा घोटाले हुए। लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन जिन्होंने इस घोटालों के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हीं की आवाज को शांत करा दिया गया। प्रियंका ने कहा, "जितने भी अधिकार कांग्रेस ने लोगों को दिए और उनकी मजबूती के लिए जो-जो काम किए भाजपा ने एक-एक कर सारे अधिकार छीन लिए। आज सरपंचों के अधिकारों में कटौती है, मनरेगा को लागू ही नहीं किया, पलायन और बढ़ गया है। गांव में रोजगार नहीं मिल रहा है। लोगों की जमीने छीनी जा रही हैं। फसल के सही दाम नहीं मिलते। विरोध करने पर गोलियां बरसाई जाती हैं। वन का अधिकार खत्म कर दिया। कमलनाथ जी ने पट्टे दिए थे वो काम भी भाजपा सरकार ने रोक दिया।"