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Hindi News मध्य-प्रदेश MP Assembly Election: भाजपा का घोषणापत्र है 'झूठ पत्र', कमलनाथ ने भाजपा पर साधा निशाना

MP Assembly Election: भाजपा का घोषणापत्र है 'झूठ पत्र', कमलनाथ ने भाजपा पर साधा निशाना

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं। भाजपा द्वारा शनिवार को घोषणापत्र जारी किया गया। इस बाबत पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा के घोषणापत्र को झूठ पत्र बताया है।

MP Assembly Election BJP manifesto is a lie sheet Kamal Nath targeted BJP- India TV Hindi Image Source : PTI कमलनाथ ने भाजपा पर साधा निशाना

MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। इस बीच सभी राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा जा रहा है। चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने शनिवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। इससे पहले कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को जारी किया था। भाजपा के घोषणा पत्र पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशाना साधा है। छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने भाजपा के घोषणापत्र पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने यहां कहा कि भाजपा का घोषणा पत्र झूठ पत्र है। इनकी कोई स्वतंत्र सोच नहीं है। कोई विजन नहीं है इसलिए कांग्रेस की ये नकल कर रहे हैं। 

भाजपा का घोषणा पत्र है 'झूठ पत्र'

बता दें कि भाजपा द्वारा जारी घोषणापत्र में पांच सालों तक गरीबों को मुफ्त राशन देने का वादा किया गया है। साथ ही भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किसानों को भी प्रभावित करने का प्रयास किया है। संकल्प पत्र के मुताबिक किसानों से 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं और 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी की जाएगी। साथ ही किसानों के किसान सम्मान निधि और किसान कल्याण योजना से किसानों को सालाना 12 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. साथ ही मध्य प्रदेश में लाडली बहनों से भी भाजपा ने वादा किया है कि उनको आर्थिक सहायता और साथ ही पक्का मकान भी दिया जाएगा। 

दिग्विजय सिंह का बयान

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कल हमला बोला था। गुना में चुनाव प्रचार करने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा, मुझे उम्मीद नहीं थी कि सिंधिया परिवार का ऐसा राजा कांग्रेस को इस तरह धोखा देगा। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पहले तो उन्होंने बड़े महराजा (माधवराव सिंधिया) को को सांसद बनाया और फिर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने उन्हें मंत्री बनाया।  कांग्रेस ने उन्हें सम्मान दिया। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने सांसद बनाया और उन्हें दो बार मंत्री भी बनाया। क्या कारण है कि वह चले गए।