दमेाह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में इंद्रदेवता को खुश करने के लिए मासूम लड़कियों से निर्वस्त्र परेड करा डालने का मामला सामने आया है। इस मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। मिली जानकारी के अनुसार मामला जबेरा विकासखंड के बनिया गांव का है। बुंदेलखंड के कई इलाकों में इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के टोने और टोटके किए जाते हैं। उन्हीं में से एक टोटका है कि अगर लड़कियां निर्वस्त्र होकर देवी की पूजा करें तो इंद्रदेवता प्रसन्न हो जाते हैं, और बारिश होती है।
इसी के तहत बीते दिनों आदिवासी बाहुल्य गांव के तालाब में स्नान कर रही छह मासूम लड़कियों को खेरमाई के मंदिर में लाकर गोबर से लिपाई पुताई कराई गई और उन्हें निर्वस्त्र किया गया। मासूम लड़कियों से अनुष्ठान कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसी आधार पर जिला प्रशासन को भी इस घटनाक्रम की जानकारी हुई।
पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार ने बताया कि मंदिर के नजदीक के तालाब में कुछ लड़कियां को स्नान कर देवस्थान पर गोबर लीपने के लिए बुलाया गया। मासूम लड़कियों से मूर्ति की गोबर से लिपाई कराई गई। इसके साथ मेढक को लकड़ी से बांधकर लड़कियां निकली, साथ ही महिलाओं ने गीत गए। इस मामले की जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, जिन लड़कियों से अनुष्ठान कराया गया, वे महज पांच से छह साल की हैं, इस मौके पर सिर्फ महिलाएं ही मौजूद थीं, कोई भी पुरुष नहीं था। वहीं इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दमोह जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस संबंध में एनसीपीसीआर को एक रिपोर्ट सौंपेगा।
दरअसल, बुंदेलखंड इलाके में इस वर्ष बारिश काफी कम हुई है। लंबे समय से गर्मी ज्यादा पड़ रही है और फसलें सूख रही हैं। हालत यह है कि किसान अपने ही हाथों से खेतों में लगी फसलें नष्ट कर रहे हैं। बारिश के लिए तरह-तरह के टोटके किए जा रहे हैं लेकिन टोटकों और अंधविश्वास के नाम पर छोटी बच्चियों के साथ ऐसा व्यवहार कहां तक जायज है।
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