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Hindi News मध्य-प्रदेश बारिश के बाद अब डायरिया का कहर, इस राज्य के 3 जिलों में 17 लोगों की मौत, 800 बीमार

बारिश के बाद अब डायरिया का कहर, इस राज्य के 3 जिलों में 17 लोगों की मौत, 800 बीमार

मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बाद अब डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। पिछले डेढ़ महीने के अंदर राज्य में कई लोगों की मौत हो गई जबकि 800 से ज्यादा बीमार हैं।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : PTI सांकेतिक तस्वीर

जबलपुरः मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग के तीन जिलों में डायरिया से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रीय निदेशक संजय डी मिश्रा ने बताया कि डायरिया से कुल 800 लोग बीमार हुए हैं। इन 17 मौतों में से छह-छह मौतें जबलपुर और मंडला जिलों में हुई हैं, जबकि पांच मौतें डिंडोरी जिले में हुई हैं। उन्होंने बताया कि ये मौतें डेढ़ महीने में हुई हैं।

सबसे ज्यादा मरीज डिंडोरी जिले में पाए गए 

संजय डी मिश्रा ने बताया कि डायरिया के सबसे ज्यादा करीब 350 मरीज डिंडोरी जिले में पाए गए और इनमें से पांच की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मंडला में डायरिया के करीब 180 मामले सामने आए हैं, जबकि जबलपुर में कुंडम, सिहोरा और पाटन ब्लॉक में 150 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों की जांच की गई है और कुछ स्थानों पर पानी में प्रदूषण पाया गया है। 

पानी उबालकर पीने की सलाह

स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में बोरवेल के पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है और टैंकरों के जरिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। लोगों को पानी उबालकर पीने और भोजन को ढक कर खाने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने की जरूरत है।

प्रभावित लोगों को दी जा रही हैं दवाइयां

मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं और दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों को इलाज के लिए देर से अस्पताल लाया जा रहा है, जिससे उनकी हालत गंभीर हो रही है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर मरीजों और अन्य नागरिकों को परामर्श दे रहे हैं।

छतरपुर में डायरिया से नाबालिग भाई-बहन की मौत

इससे पहले अभी हाल में ही छतरपुर जिले के एक गांव में डायरिया से नाबालिग भाई-बहन की मौत हो गई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति का आकलन करने के लिए चिकित्सकों की टीम वहां भेजी। शुरुआती जानकारी से पता चला है कि ग्रामीण कुएं के पानी का इस्तेमाल करते हैं, जो दूषित हो सकता है। ग्रामीणों को उस कुएं का पानी न पीने की सलाह दी गई है। कुएं और पानी के अन्य स्थानीय स्रोतों में ब्लीचिंग पाउडर मिलाया गया है।  

इनपुट-भाषा