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Hindi News मध्य-प्रदेश पत्नी की मौत, 13 घंटे रातभर साईकिल चलाकर घर पहुंचा पति, तय किया 130 किलोमीटर का सफर

पत्नी की मौत, 13 घंटे रातभर साईकिल चलाकर घर पहुंचा पति, तय किया 130 किलोमीटर का सफर

भाभी का उत्तराकर्म पूरा करवाने के बाद रवि शंकर ने आगर आने के लिए साधन ढूंढ़ा तो नही मिला, ऐसे में प्लम्बर का कार्य करने वाले रवि शंकर ने साईकिल से ही आगर आने का निश्चय कर लिया। 

man ride bicycle for 13 hours to wife's last rite indore to agar madhya pradesh पत्नी की मौत, 13 घंट- India TV Hindi Image Source : VIDEO GRAB पत्नी की मौत, 13 घंटे रातभर साईकिल चलाकर घर पहुंचा पति, तय किया 130 किलोमीटर का सफर 

आगर. कोरोना महामारी के चलते लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो आने वाली परेशानियों का बड़े साहस के साथ मुकाबला कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के आगर से, जहां पत्नी की मौत के खबर मिलने के बाद जब इंदौर के नजदीक एक गांव में रह रहे व्यक्ति को कोई साधन न मिला तो वह साईकिल से ही अस्थी संचय कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गया।

दरअसल इंदौर से 10 किलोमीटर दूर ग्राम तलावली में रहने वाले रवि शंकर पंवार की शादी सन 1986 में मालीपुरा आगर निवासी स्व. बंशीलाल बनासिया की बेटी सुमन से हुई थी। मानसिक रोगी होने के कारण कुछ समय से सुमन मायके में ही रह रही थी। गत दिनों पैर फिसल जाने के कारण सुमन की हालत और नाजुक हो गई व 8 मई को सुमन का निधन हो गया। सुमन के परिजनों ने रवि शंकर को शोक संदेश पहुंचा दिया। लेकिन रवि शंकर आने में इसलिए असमर्थ थे कि भाभी का उस दिन दसवां था।

भाभी का उत्तराकर्म पूरा करवाने के बाद रवि शंकर ने आगर आने के लिए साधन ढूंढ़ा तो नही मिला, ऐसे में प्लम्बर का कार्य करने वाले रवि शंकर ने साईकिल से ही आगर आने का निश्चय कर लिया। शाम 5 बजे अपने गांव से निकले रवि शंकर इंदौर से थोड़ा आगे चले थे कि अंधेरा हो गया। पूरी रात अंधेरे में सड़क पर थर्माप्लास्टिक की सफेद पट्टी देखकर साईकिल चलाते हुए अगले दिन सुबह पौने 7 बजे आगर आ गए।

रवि शंकर ने बीच में मात्र एक घंटे विश्राम किया। रास्ते में उन्हे चाय, नाश्ता कुछ नहीं मिला क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के चलते सभी जगह दुकानें बंद थी। उनके पास जो थोड़ा बहुत खाने का था, वह रास्ते में खा लिया। पानी भी घर से लेकर आए थे वही पिया। रास्ते में पानी की भी दिक्कत हुई, लेकिन उन्होंने हार नही मानी। रवि शंकर को साईकिल से आगर आता देख उनके ससुराल वाले हतप्रद रह गए। रवि शंकर ने बताया कि यदि रात नहीं होती तो वो 7 घंटे में आगर आ जाता। इतनी परेशानी उठाकर आगर आए रवि शंकर पत्नी के अस्थी संचय कार्यक्रम में शामिल हो गए।