Madhya Pradesh: सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर करती है। राजनीतिक रूप से उन्हें मजबूत बनाने के लिए सीटें आरक्षित करती हैं। लेकिन पुरुषों ने इसकी भी काट खोज ली। ऐसी सीटों पर नामांकन तो महिलाओं का कराया जाता है लेकिन असल में परदे के पीछे उनके पति, पिता या पुत्र चुनाव लड़ते हैं। चुनाव जीतने के बाद भी असली पावर भी उन्हीं के हाथों में होती है।
हाल ही में मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न कराये गए। कई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं। जाहिर सी बात कि वहां चुनाव लड़ी भी सिर्फ महिअल्यें और जीती भी वो ही। लेकिन असली खेल शपथ के समय शुरू हुआ। प्रदेश के कुछ गांवों में नवनिर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के जगह पर उनके पति या पुरुष रिश्तेदारों को पद की शपथ दिलाए जाने के कुछ मामले सामने आए हैं। जिसके बाद एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। सागर और दमोह जिलों के कुछ स्थानों पर हाल में हुए पंचायत चुनाव में निर्वाचित महिलाओं के पिता और पति सहित अन्य पुरुष रिश्तेदारों ने बृहस्पतिवार को शपथ ली।
एक अधिकारी हुआ निलंबित
सागर जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने शुक्रवार को आदेश जारी कर जैसीनगर ग्राम पंचायत के सचिव आशाराम साहू को पंचायत चुनाव में चुनी गई महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति, बहनोई और पिता को पद की शपथ दिलाने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि परिवार के पुरुष सदस्यों को इसलिए शपथ लेने की अनुमति दी गई क्योंकि कार्यक्रम में शामिल होने का बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद निर्वाचित महिलाएं नहीं आईं और इसके बजाय उन्होंने अपनी ओर से अपने रिश्तेदारों को भेज दिया।
जिलाधिकारी ने मांगी मामले की रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया कि जैसीनगर ग्राम पंचायत में निर्वाचित 10 महिलाओं में से एक के पिता, दो अन्य के पति और एक महिला के बहनोई ने निर्वाचित महिला सदस्य के स्थान पर शपथ ग्रहण की। इसी तरह, दमोह जिले में निर्वाचित महिलाओं के स्थान पर पुरुषों को गैसाबाद और पिपरिया किरौ ग्राम पंचायत में पद की कथित तौर पर शपथ दिलाई गई, जिसके बाद जिलाधिकारी एस कृष्ण चैतन्य ने संबंधित जनपद पंचायत के सीईओ से रिपोर्ट मांगी है। चैतन्य ने कहा कि महिला निर्वाचित सदस्यों के स्थान पर उनके पुरुष रिश्तेदारों द्वारा शपथ ग्रहण करने की सूचना पर रिपोर्ट मांगी गई है और रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित पंचायत सचिव के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने दावा किया कि प्रदेश भर में कई जगहों पर निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के स्थान पर उनके पुरुष रिश्तेदारों ने शपथ ली है।