भोपाल: 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से कांग्रेस में सब कुछ आल इस वेल नहीं दिखाई दे रहा है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे कमलनाथ की भाजपा में जाने की खबरें आई तो अब कांग्रेस में ताजा विवाद दिखाई दिया जब कमलनाथ की जगह प्रदेश अध्यक्ष बने जीतू पटवारी ने 10 महीने के लंबे अंतराल के बाद अपनी कार्यकारिणी घोषित की।
क्या है पूरा मामला?
कार्यकारिणी में सदस्यों के नाम सामने आते ही कांग्रेस की तरफ से हमेशा मुख्यमंत्री कैंडिडेट के तौर पर देखे जाने वाले अजय सिंह और राहुल भैया सामने आए और जीतू पटवारी पर जमकर हमला बोल दिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिग्गज कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह ने कहा कांग्रेस की जिन नेताओं की वजह से दुर्दशा हुई है उन्हीं लोगों के कहने पर और इशारे पर अगर कार्यकारिणी बनेगी तो भगवान ही मालिक है।
उन्होंने कहा कि 20 साल हो गए, उन्हीं लोगों के चलते निर्णय हो रहे हैं। ये दुर्भाग्य है। अजय सिंह ने कहा जिस तरह से स्वरूप बना है, उचित नहीं है। मैंने तो कह दिया है कि जिन लोगों की वजह से, जिन शीर्ष नेताओं की वजह से कांग्रेस की बुरी हालत हुई मध्य प्रदेश में, अगर उनकी आज भी चल रही हो तो फिर क्या कहना।
विंध्य क्षेत्र से आने वाले अजय सिंह ने कहा कि हमारे अंचल के साथ कांग्रेस की सोच सही नहीं है। रीवा सीधी सिगरौली कटनी से कहीं कोई नहीं है। उदाहरण के लिए सिर्फ एक दो नाम हो जाएं, 8-10 जिलों में से, क्या इसी से मजबूती होगी कांग्रेस की?
कांग्रेस के आपसी टकराव के सामने आते ही भाजपा सरकार के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने भी तंज कसा और इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस से कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती। जब मल्लिकार्जुन खड़गे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो उनको सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी छोटे से कर्मचारियों से 15-20 मिनट बाहर रुकवा देते हैं। कमरे के बाहर इंतजार करना पड़ता है कि हमारे राजकुमार और हमारी देवी जी मुझे बुला लें। उस कांग्रेस से आप क्या अपेक्षा करोगे कि वहां जमीन के नेता को इज्जत मिलेगी।