भोपाल। मध्य प्रदेश में अक्सर सरकारी कर्मचारियों के बड़े भ्रष्टाचार के मामले आते हैं, एक नया मामला सामने आया है जिसमें प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है। पंकज श्रीवास्तव नाम के प्राइमरी स्कूल टीचर को 23 वर्ष से ज्यादा सरकारी नौकरी करते हुए हो गए हैं और इन 23 वर्षों में उसे जितना वेतन मिला है उसके मुकाबले उसकी संपत्ति लगभग 14 गुना ज्यादा पाई गई है। अध्यापक की अकूत संपत्ति की शिकायत मिलने पर भोपाल लोकायुक्त की 10 सदस्यीय टीम ने इस मामले की जांच की है और उस जांच में सवा पांच करोड़ रुपए की संपत्ति का पता लगाया।
लोकायुक्त की टीम ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लगभग 24 शहरों में अध्यापक पंकज से जुड़ी संपत्तियों के बारे में पता लगाया है। अध्यापक के नाम पर कई शहरों में आवासीय प्लाट, दुकानें और कृषि भूमि की जानकारी मिली है।
जांच अधिकारी के अनुसार पंकज श्रीवास्तव 1998 में मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में कार्यरत हुआ था और उस समय उसका शुरुआती वेतन 2256 रुपए था और 23 वर्ष के उसके कार्यकाल में उसे अबतक 36.50 लाख रुपए वेतन मिल चुका है लेकिन उसकी संपत्ति उसके वेतन से करीब 14 गुना ज्यादा मिली है।
जांच के दौरान छापा मारने वाली टीम को पता चला कि पंकज श्रीवास्तव लोगों को मोटे ब्याज पर पैसा उधार देता था और तय अवधि पर पैसा अगर वापस नहीं मिलता था तो उधार लेने वाले की संपत्ति को जब्त कर लेता था। पूछताछ के दौरान पंकज ने बताया कि उसके पिता को रिटायरमेंट के बाद बड़ी रकम मिली थी और वह उधारी के लिए उसी रकम का इस्तेमाल करता था।