Madhya Pradesh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘तुरंत फैसले लेने वाला कुशल प्रशासक’’ बताते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं होते, तो नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध कभी नहीं बन सकता था। चौहान "मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी" किताब को राज्य में पेश करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस किताब में गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक मोदी के 20 साल के सियासी सफर पर अलग-अलग हस्तियों के लेख संजोए गए हैं।
मोदी की वजह से ही बन पाया है सरदार सरोवर बांध
चौहान ने नर्मदा को मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा बताते हुए कहा कि सरदार सरोवर बांध के विरोधियों ने इस नदी को बचाने के नाम पर बांध परियोजना के सामने कदम-कदम पर बाधाएं उत्पन्न करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा,‘‘मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने मिलकर तय किया था कि हम सरदार सरोवर बांध के विरोधियों के छिपे इरादों को जनता के सामने लाएंगे और बांध बनाकर ही रहेंगे। मैं सच कहता हूं कि अगर मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं होते, तो यह बांध कभी नहीं बन सकता था।’’
शिवराज ने पीएम मोदी की तारीफ की
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभालने से पहले मोदी सात अक्टूबर 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। चौहान ने बताया कि धार जिले में कारम बांध के अगस्त के दौरान क्षतिग्रस्त होने के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फोन करके हालात की जानकारी ली थी और उनका हौसला बढ़ाते हुए पूछा था कि इस संकट के समय राज्य सरकार को केंद्र की ओर से किसी मदद की जरूरत तो नहीं है? उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण सरीखे जटिल मामलों में मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि वह त्वरित फैसले लेने वाले कुशल प्रशासक हैं।