Madhya Pradesh News: इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी की आय से ज्यादा संपत्ति मिलने पर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। लोकायुक्त पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आनंद कुमार यादव ने बताया कि नगर निगम के सहायक इंजीनियर और रीजनल पार्क के प्रभारी देवानंद पाटिल के खिलाफ ‘‘गोपनीय जांच’’ में पता चला है कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने चल-अचल सम्पत्तियां खरीदने के लिए दो करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम खर्च की है। उन्होंने बताया कि नगर निगम में 1989 के दौरान नौकरी शुरू करने वाले पाटिल ने अपने 33 साल के सेवाकाल में वेतन-भत्तों से 95.50 लाख रुपये कमाए हैं, जबकि गुजरे बरसों में दायर आयकर रिटर्न में उनकी पत्नी की कुल 27.50 लाख रुपये की आय दिखाई गई है। यादव ने बताया कि शहर के अलग-अलग इलाकों में पाटिल की जिन संपत्तियों का पता चला है, उनमें दो मंजिलों वाला एक बंगला, तीन भूखंड और चार फ्लैट शामिल हैं। डीएसपी ने कहा कि गंभीर हृदय रोग से जूझ रहे पाटिल के ठिकानों पर हालांकि अब तक छापे नहीं मारे गए हैं, लेकिन उनके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की विस्तृत जांच जारी है।
बालाघाट में इंजीनियर के घर पर छापेमारी
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की टीम द्वारा बिजली विभाग के एक इंजीनियर के घर दी गई। दबिश में आय से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ। उसके चार आलीशान मकान और एक दर्जन प्लॉट होने का ब्यौरा मिला है। इंजीनियर की संपत्ति आय के मुकाबले 280 फीसदी ज्यादा है। ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार, जबलपुर के दल ने शुक्रवार की सुबह बालाघाट के बिजली विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर दयाशंकर प्रजापति के प्रेम नगर स्थित आवास पर दबिश दी। इस दबिश में खुलासा हुआ कि दयाशंकर के चार आलीशान मकान हैं, इसके अलावा 12 प्लॉट हैं, वहीं कई महंगी गाड़ियां भी उसके पास है।
ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली थी कि प्रजापति के पास आय से अधिक संपत्ति है, इसकी जांच कराई गई तो शिकायत सही पाई गई और प्रजापति की सेवा अवधि के दौरान जो वैधानिक आई थी उससे 280 फीसदी से अधिक संपत्ति अर्जित करना पाया गया, उसके बाद ही शुक्रवार को ईओडब्ल्यू के दल ने प्रजापति के बालाघाट के प्रेम नगर स्थित घर की तलाशी ली और आय से अधिक की संपत्ति का पता चला।