भोपाल डिविजन में BJP-कांग्रेस के दो बड़े चेहरे की प्रतिष्ठा दाव पर, क्या कहते हैं Exit poll के आंकड़े?
Madhya Pradesh Exit Poll Results 2023: मध्य प्रदेश के भोपाल डिविजन की बात की जाए तो इसके अंतर्गत 24 सीटें आती हैं। आइये जानते हैं कि इन सीटों पर इंडिया टीवी-CNX के एग्जिट पोल के आंकड़े-
Madhya Pradesh Exit Poll Results 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। इससे पहले मप्रदेश चुनाव को लेकर इंडिया टीवी-CNX के एग्जिट पोल जारी किए गए हैं। मध्य प्रदेश के भोपाल डिविजन की बात की जाए तो इसके अंतर्गत 24 सीटें आती हैं। भोपाल, विदिशा और राजगढ़ को मिलाकर भोपाल डिविजन बनता है। भोपाल डिविजन इसलिए अहम है कि इस रीजन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा सीट और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राघोगढ़ विधानसभा सीट है।
इंडिया टीवी-CNX के एग्जिट पोल के मुताबिक, भोपाल डिविजन में बीजेपी 18 सीटें हासिल करती नजर आ रही है। इस रीजन में बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले तीन सीटों का फायदा मिलता दिख रहा है। वहीं, कांग्रेस यहां से 6 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस इस रीजन में पिछले चुनाव के मुकाबले तीन सीटें गंवाती दिख रही है।
पार्टी अनुमानित सीटें
BJP | 18 (+3) |
कांग्रेस | 6 (-3) |
अन्य | 0 (0) |
शिवराज को मिलेगा मौका?
इंडिया टीवी-CNX के एग्जिट पोल के अनुसार, मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बड़ी जीत हासिल कर सकती है। पिछले 20 साल में से करीब 18 साल मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शासन किया है। हालांकि, इस बार बीजेपी हाईकमान की ओर से मध्य प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान नहीं किया गया। ऐसे में चुनाव के नतीजे आने के बाद पता चलेगा कि एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री बनेंगे या किसी और चेहरे को मौका मिलेगा।
पिछले चुनाव के आंकड़े
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि 230 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं। बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा था और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी, लेकिन फिर डेढ़ साल बाद ही राज्य में नया राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। इससे बहुमत बीजेपी के पास पहुंच गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सूबे के मुख्यमंत्री बन गए।