भोपाल: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में वर्तमान में कोविड-19 का कोई उपचाराधीन मामला नहीं है, लेकिन इसके वाबजूद जांच के लिए नमूने लिए जा रहे हैं और टीकाकरण जारी है। मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मध्य प्रदेश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की कुल 13,38,24,090 खुराकें दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 10,54,938 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 10,777 लोगों की मौतें हुई है और बाकी बीमारी से उबर चुके हैं।
मिश्रा ने कहा, ‘‘प्रसन्नता का विषय है कि कोरोना योद्धाओं के सतत प्रयास और जनता के सहयोग के कारण मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण का मामला शून्य हो गया है। राज्य में वर्तमान में कोई उपचाराधीन मरीज नहीं है।’’ उन्होंने कहा पिछले 24 घंटों में कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया है और संक्रमण दर भी शून्य हो गई है। मिश्रा ने बताया, ‘‘इसके वाबजूद राज्य सरकार टीकाकरण पर ध्यान दे रही है। कल (30 जनवरी को) हमने राज्य में 81,281 लोगों को टीके लगाये हैं और 308 लोगों के नमूने कोविड-19 की जांच के लिए भेजे हैं।’’
कान्हा बाघ अभयारण्य में बाघिन ने पांच शावकों को जन्म दिया
मध्य प्रदेश के मंडला जिले के कान्हा बाघ अभयारण्य (केटीआर) में टी-27 नाम की एक बाघिन ने पांच शावकों को जन्म दिया है। यह जानकारी एक वन अधिकारी ने मंगलवार को दी। कान्हा बाघ अभयारण्य के क्षेत्र संचालक एस के सिंह ने बताया कि इस बाघिन को सोमवार को अपने पांचों शावकों के साथ घूमते देखा गया। उन्होंने कहा, ‘‘बाघिन टी-27 सैलानियों के बीच डीजे के नाम से जानी जाती है। बाघिन को उसके शावकों के साथ मुक्की जोन में देखा गया है।’’
सिंह ने कहा कि केटीआर में आने वाले पर्यटक बाघिन और उसके शावकों को देखकर काफी उत्साहित हैं। कान्हा बाघ अभयारण्य के वरिष्ठ वन्यजीव पशुचिकित्सक डॉ.संदीप अग्रवाल ने बताया कि इस बाघिन की उम्र आठ से नौ वर्ष के बीच है और ये सभी शावक लगभग तीन महीने के हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 में इस बाघिन ने अपने तीसरे प्रसव के दौरान इन शावकों को जन्म दिया।
अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 के अनुसार, मध्य प्रदेश में 526 बाघ हैं, जो देश के किसी भी राज्य में सबसे अधिक है। देश में बाघ गणना का काम पिछले साल पूरा हो गया था और अब इसकी रिपोर्ट आने वाली है। मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना सहित कई बाघ अभयारण्य हैं।
इनपुट-भाषा