मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और ओमिक्रॉन के खतरे के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों के साथ अहम बैठक की। बैठक में उन्होंने टेस्टिंग कराने समेत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने को कहा। कोरोना नियंत्रण के लिए इंदौर कलेक्टर को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इंदौर का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि लोगों की आवाजाही यहां ज्यादा होती है इसलिए फीवर क्लिनिक एक्टिव कर दें जिससे टेस्टिंग लोग आसानी से करा पाएं।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि कोविड के मरीजों को कोविड केयर सेंटर में रखें। उन्हें अस्पताल ले जाने की आवश्यकता न पड़े। सभी व्यवस्थाओं का रिव्यू कर लिया जाए। युद्धस्तर पर तैयारी करें। सीएम ने कहा कि हमें पूरी सर्तकता रखनी है, हमें अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रहने देनी है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों और कमिश्नर को क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों की बैठक में जिलों, ब्लॉकों व पंचायतों की निगरानी रखने को कहा और कहा कि सारे कलेक्टर इसे गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि 15-18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन लगाने का काम करना है। टीम के साथ मिलकर महाभियान की तरह इसे लें। हमें सबसे पहले अपने बच्चों को सुरक्षित करना जरूरी है। तीन तारीख से इसे बड़े स्तर पर शुरू करना हैं।
शिवराज सिंह ने आगे कहा, 2 तारीख को मैं क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से बात करूंगा। सभी कलेक्टर्स को जो टारगेट दे रहे हैं उसे पूरा करें, मुझे सबकी रिपोर्ट दें की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठकें सभी ने कर ली हैं। सभी को नीचे तक के क्राइसिस ग्रुप से संपर्क में रहना चाहिए। मास्क लगाने का आग्रह करें, रोका-टोकी अभियान जारी रखें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन, अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हर जिले में एक कोविड केयर सेंटर होना चाहिए, बाकी ब्लॉक, पंचायत में भी जरूरत होगी तो शुरू करेंगे। उन्होंने कोविड केयर सेंटर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करने को भी कहा। सभी मंत्री ऑक्सीजन प्लांट चेक कर ले, दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम पहले से ही मैपिंग कर लें कि हमारे पास और प्राइवेट हॉस्पिटल के पास कितने बिस्तर हैं। एक-एक चीज़ देख लें, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अभी हमारे हाथ में है, इसमें कोई लापरवाही हमें नहीं करनी है। 15 से 18 के किशोरों को वैक्सीनेशन जो लगनी है, उसकी व्यवस्था कर लें। 3 तारीख को प्रभारी मंत्रियों को इसे लॉन्च करना है। समाज के प्रमुखों को अभियान से जोड़ें। फ्रंट लाइन वर्कर और 60 प्लस को भी वैक्सीन लगाने का काम करना है। यह चुनौती है, इसका सामना हमें करना है। वहीं ओमिक्रॉन को लेकर उन्होंने कहा कि यह डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी हमें तैयारियों में कोई कमी नहीं रखनी है।