नई दिल्ली। सरकारी स्टॉक में सबसे ज्यादा गेहूं देने वाला राज्य बन चुके मध्य प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए उन गेहूं किसानों से समय रहते अपना पंजीकरण करवाने का आग्रह किया है जो सरकार को अपनी फसल बेचना चाहते हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि आगामी रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22 के दौरान राज्य में जो किसान अपनी गेहूं की फसल सरकार को बेचना चाहते हैं वे 20 फरवरी से पहले सरकार के पास अपना पंजीकरण करवा लें। राज्य सरकार ने किसानों के पंजीकरण के लिए हर जिले में पंजीयन केंद्र बनाए हैं और नोडल, उप जोनल और प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये हैं।
मध्य प्रदेश देशभर में सबसे ज्यादा चना भी पैदा करता है और साथ में मसूर और सरसों का भी बड़ा उत्पादक है। राज्य सरकार ने चना, मसूर और सरसों के किसानों से भी कहा है कि जो किसान सरकार को अपनी फसल बेचना चाहते हैं वे 25 फरवरी से पहले अपना पंजीकरण करवा लें। किसानों से समर्थन मूल्य पर ही गेहूं, चना, मसूर और सरसों की खरीद होगी। सरकार ने इस साल गेहूं के लिए 1975 रुपए प्रति क्विंटल, चने और मसूर के लिए 5100 रुपए प्रति क्विंटल तथा सरसों के लिए 4650 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ है। देशभर में पहली अप्रैल से रबी मार्केटिंग सीजन की शुरुआत होती है।
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पिछले साल देशभर में किसानों से जितना गेहूं खरीदा गया था उसमें सबसे अधिक खरीद मध्य प्रदेश से ही हुई थी। देश में पिछले साल कुल 389.92 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी और उसमें अकेले मध्य प्रदेश से 129.42 लाख टन की खरीद हुई थी। गेहूं खरीद के मामले में पिछले साल मध्य प्रदेश ने पंजाब को पीछे कर दिया था। सिर्फ गेहूं ही नहीं बल्कि पिछले साल चने की सरकारी खरीद भी सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश से ही की गई थी। देशभर में चने का सबसे ज्यादा उत्पादन मध्य प्रदेश में ही होता है।