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मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा के पेपर लीक का दावा गलत, MPPSC ने 'निराधार और भ्रामक' बताया

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मध्य प्रदेश सेवा परीक्षा के पेपर लीक होने के दावे को MPPSC ने भ्रामक बताया है। कमीशन ने कहा कि परीक्षाएं अपने पहले के तय कार्यक्रम के मुताबिक 23 जून को ही होंगी।

शल मीडिया पर वायरल हो रहे मध्य प्रदेश सेवा परीक्षा के पेपर लीक होने के दावे को MPPSC ने बताया गलत- India TV Hindi Image Source : FILE शल मीडिया पर वायरल हो रहे मध्य प्रदेश सेवा परीक्षा के पेपर लीक होने के दावे को MPPSC ने बताया गलत

देश में अभी नीट परीक्षा के पेपर लीक का मामला खत्म नहीं हुआ है। इस बीच सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा के पेपर लीक का दावा किया जा रहा था, जिसे MPPSC ने गतल बताया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा और राज्य वन सेवा परीक्षा के प्रारंभिक दौर के पेपर लीक होने और उनके सोशल मीडिया पर 2,500-2,500 रुपये में बिक्री के लिए उपलब्ध होने की खबरों को MPPSC ने निराधार और भ्रामक बताया है। आयोग ने हजारों उम्मीदवारों की चिंताएं दूर करते हुए यह स्पष्ट भी किया कि दोनों परीक्षाएं अपने पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुसार 23 जून (रविवार) को ही आयोजित होंगी। 

एमपीपीएससी के सचिव प्रबल सिपाहा ने एक विज्ञप्ति जारी करके कहा कि राज्य के 55 जिला मुख्यालयों में 23 जून को दो सत्रों में आयोजित की जा रही प्रारंभिक दौर की राज्य सेवा परीक्षा 2024 और राज्य वन सेवा परीक्षा 2024 की गोपनीयता और शुचिता को लेकर सोशल मीडिया तथा अन्य प्रचार माध्यमों पर निराधार एवं भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही हैं। 

'अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई' 

सिपाहा ने कहा कि दोनों परीक्षाएं 23 जून की तय तारीख को नियत समय पर संपूर्ण दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आयोजित की जाएंगी। उन्होंने विज्ञप्ति में चेतावनी भी दी कि MPPSC की भर्ती परीक्षाओं के बारे में सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों पर भ्रामक जानकारी और अफवाहें फैलाने वाले लोगों के खिलाफ "कठोर कानूनी कार्रवाई" की जाएगी। 

रुपये के भुगतान के लिए अकाउंट पर QR कोड भी मौजूद

राज्य सेवा परीक्षा के एक उम्मीदवार ने बताया कि पर्चा लीक होने की अफवाहों की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "टेलीग्राम" पर बनाए गए एक अकाउंट के वजह से हुई, जिस पर दावा किया गया है कि एमपीपीएससी के पेपर 2500-2500 रुपये में बिकाऊ हैं। उम्मीदवार ने बताया कि इस टेलीग्राम अकाउंट पर रुपये के भुगतान के लिए एक QR कोड भी दिया गया है। 

अपराध निरोधक शाखा की मदद से हो रही जांच 

साइबर पुलिस की इंदौर स्थित रीजनिल यूनिट के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया,"हमें इस टेलीग्राम अकाउंट के बारे में जानकारी मिली है। हम पुलिस की अपराध निरोधक शाखा की मदद से इसकी जांच कर रहे हैं। जांच के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।"

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