A
Hindi News मध्य-प्रदेश मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना आते हैं 80 हजार कॉल, ऐसे करते हैं लोगों की मदद

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना आते हैं 80 हजार कॉल, ऐसे करते हैं लोगों की मदद

मुख्यमंत्री के हेल्पलाइन नंबर पर प्रतिदिन 80 हजार कॉल आती हैं। इन कॉल्स के जरिए मध्य प्रदेश की जनता की समस्याओं का समाधान किया जाता है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान- India TV Hindi Image Source : PTI सीएम शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश में आम लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने के लिए सीएम हेल्पलाइन सेवा संचालित है। यह एक ऐसी सेवा है जिसका लाभ एक फोन कॉल के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से रोजाना 80 हजार से ज्यादा कॉल आती हैं।

किन-किन परेशानियों का निवारण
प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन मनीष रस्तोगी ने बताया कि विभाग द्वारा गारंटी अधिनियम 2010 में अब तक 48 विभागों की 691 सेवाओं को अधिसूचित किया जा चुका है। सभी जिलों में 430 लोक सेवा केन्द्रों से नागरिकों को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। लोक सेवा केंद्र की सेवाओं में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अलावा एक दिवसीय समाधान सेवाएं, आधार कार्ड निर्माण एवं सुधार, आयुष्मान कार्ड निर्माण, राजस्व सेवाएं आदि शामिल हैं।

बिना देर किए कार्रवाई
लोक सेवा प्रबंधन विभाग की विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि सीएम हेल्प लाईन से आम नागरिकों को फोन काल पर सेवाएं देने के साथ उनके द्वारा दर्ज शिकायतों का निराकरण किये जाने की जानकारी अधिक से अधिक आम नागरिकों को देने के लिए विशेष प्रचार-प्रसार किया जाये, जिससे कि अधिक से अधिक नागरिक इस सेवा का लाभ ले सके।

अब तक इतने लाख लोगों की गई शिकायत हल 
सीएम हेल्प लाईन में आपसी झगड़ों के चलते झूठी शिकायतों की भी बात सामने आई है। इसके साथ ही कई बार जानबुझ कर भी कॉल किया जाता है। इन्हीं सबकों ध्यान में रखते हुए तय किया गया है कि सीएम हेल्प लाईन की सुविधा का दुरूपयोग करने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी जाएगी और उन्हें ऐसा करने से रोका जाये। वहीं इस संबंध में आगे बताया गया कि सीएम हेल्प लाइन पर सातों दिन 24 घंटे एकीकृत नम्बर 181 है, जिन पर रोजाना लगभग 80 हजार फोन कॉल सुने जाते हैं, जिन पर नागरिकों द्वारा मांगी गई जानकारी देने के साथ ही शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित किया जाता है। अब तक एक करोड़ 95 लाख दर्ज शिकायतों में 98 प्रतिशत का निराकरण सुनिश्चित किया गया है।