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Hindi News मध्य-प्रदेश नामीबिया से आए चीतों ने किया पहला शिकार, जानिए कौन फंसा पंजे में?

नामीबिया से आए चीतों ने किया पहला शिकार, जानिए कौन फंसा पंजे में?

17 सितंबर 2022 को नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीतों में से 2 चीतों को 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। जिसके बाद इन दोनों चीतों ने भारत में अपना पहला शिकार किया है। अभी तक इन्हें छोटे बाड़े में ही खाना दिया जा रहा था। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन चीतों ने रविवार की रात या सोमवार की सुबह शिकार किया है।

नामीबिया से आए चीतों ने किया- India TV Hindi Image Source : FILE नामीबिया से आए चीतों ने किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशंला पार्क में नामीबिया से लाए चीते छोड़े थे। तब से उन चीतों को अभी तक एक बाड़े में रखा गया था। उस बाड़े में ही उन्हें खाने के लिए मांस आदि दिया जाता था। लेकिन पिछले दिनों नं चीतों को छोटे बाड़े से निकालकर बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। चीतों ने छोटे बाड़े से छूटने के 24 घंटे के भीतर अपना पहला शिकार किया है।

शिकार की जानकारी सोमवार सुबह में मिली

वन विभाग के अनुसार, चीतों को बाड़े से छोड़े जाने के बाद इन्होने यहां अपना पहला शिकार किया है। विभाग के अनुसार, इन चीतों ने रविवार की रात या सोमवार की सुबह में एक चीतल का शिकार किया है। अधिकारियों ने बताया कि, फ्रेडी और एल्टन नामक दो चीतों कों चीतों को छोटे बाड़े से बाहर 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। जिसके बाद इन्होने चीतल का शिकार किया है। अधिकारियों ने बताया कि निगरानी दल को इस शिकार की जानकारी सोमवार सुबह में मिली। चीतल का शिकार करने के बाद चीतों ने उसे दो घंटे के भीतर खा कर खत्म कर दिया।

चीतों को एक महीने तक क्वारंटीन में रखा गया था

बता दें कि गत सितंबर माह में नामीबिया से 8 चीते लाए थे। जिनमें से 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं। इन्हें पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। लगभग एक महीने तक  इन दोनों चीतों को क्वारंटीन में रखने के बाद 5 नवंबर को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। शुरुआती योजना के तहत इन चीतों को एक महीने तक क्वारंटीन में रखा गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर जंगली जानवरों को स्थानांतरण से पहले और बाद में एक महीने के लिए क्वारंटीन किया जाता है, ताकि वे दूसरे देश से अपने साथ लाए किसी बीमारी को फैला ना पाएं।