मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, कैलाश विजयवर्गीय से विश्वास सारंग तक, जानें सभी मंत्रियों के बारे में
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। कुल 28 विधायकों को मंत्रिमंडल की शपथ दिलाई गई है। इसमें से कुल 18 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री, 6 नेताओं ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 नेताओं ने राज्यमंत्री के पद की शपथ ली।
मध्य प्रदेश में आज मोहन यादव की सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। भोपाल में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में कुल 28 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली। बता दें कि कैबिनेट मंत्रियों का नाम फाइल करने के लिए सीएम मोहन यादव ने 3 बार दिल्ली का दौरा किया था। बता दें कि कुल 28 विधायकों ने मंत्रिमंडल की शपथ ली है। कुल 18 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री, 6 नेताओं ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 नेताओं ने राज्यमंत्री के पद की शपथ ली।
कैलाश विजयवर्गीय
- बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।
- 6 बार के विधायक
- इंदौर-1 से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
प्रहलाद पटेल
- नरसिंहपुर से विधायक।
- केंद्र में मंत्री रह चुके है।
- पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
- ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं।
राकेश सिंह
- जबलपुर पश्चिम से विधायक हैं।
- पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
- जबलपुर से लगातार 4 बार सांसद रह चुके हैं।
राव उदयप्रताप सिंह
- गाड़रवारा से विधायक हैं।
- नर्मदापुरम से तीन बार के सांसद हैं।
- 2019 लोकसभा चुनाव में उदयप्रताप भारी मतों से जीते थे।
विश्वास सारंग
- भोपाल के नरेला से विधायक हैं।
- लगातार चार बार से विधायक हैं।
- पिछली सरकार में चिकित्सा, शिक्षा मंत्री थे।
तुलसी सिलावट
- सांवेर से विधायक हैं।
- 6 बार के विधायक हैं।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं।
- पिछली सरकार में जल संसाधन मंत्री थे।
कृष्णा गौर
- भोपाल के गोंविदपुरा से विधायक हैं।
- 2 बार से विधायक हैं।
- भोपाल की महापौर रह चुकी हैं।
- पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की बहू हैं।
नारायण सिंह कुशवाह
- ग्वालियर दक्षिण से विधायक हैं।
- पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
- पहले भी मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
प्रद्युम्न सिंह तोमर
- ग्वालियर से विधायक हैं।
- पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री थे।
- केंद्रीय ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं।
एंदल सिंह कंसाना
- सुमावली से विधायक हैं।
- 5 बार के विधायक हैं।
- पहले भी मंत्री रह चुके हैं।
- ग्वालियर-चंबल से आते हैं।
विजय शाह
- हरसूद से विधायक हैं।
- 8 बार से विधायक हैं।
- पिछली सरकार में वन मंत्री थे।
करण सिंह वर्मा
- इछावर से विधायक हैं।
- 8 बार से विधायक हैं।
- पहले भी मंत्री रह चुके हैं।
संपतिया उईके
- मंडला से विधायक हैं।
- अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।
- राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं।
निर्मला भूरिया
- झाबुआ जिले के पेटलावद से विधायक हैं।
- अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।
- 5 बार से विधायक हैं।
गोविंद सिंह राजपूत
- सुरखी से विधायक हैं।
- पिछली सरकर में राजस्व, परिवहन मंत्री थे।
- बुंदेलखंड से आते हैं।
- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी।
इंदर सिंह परमार
- शुजालपुर से विधायक हैं।
- पिछली सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री थे।
- संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं।
नागर सिंह चौहान
- अलीराजपुर से विधायक हैं।
- अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं।
- 4 बार से विधायक हैं।
चैतन्य कश्यप
- रतलाम से विधायक हैं।
- तीन बार से विधायक हैं।
- कुछ दिन पहले ही कश्यप ने वेतन, भत्ते नहीं लेने का ऐलान किया था।
राकेश शुक्ला
- भिंड जिले के मेहगांव से विधायक हैं।
- ग्वालियर-चंबल से आते हैं।
- पहली बार मंत्री बनेगें।
धर्मेंद्र लोधी
- दमोह के जबेरा से विधायक हैं।
- 2 बार के विधायक हैं।
- पहली बार मंत्री बने।
दिलीप जायसवाल
- अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा से विधायक हैं।
- विंध्य क्षेत्र से आते हैं।
- 2 बार के विधायक हैं।
गौतम टेटवाल
- राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा से विधायक हैं।
- 2 बार से विधायक हैं।
- अनुसूचित जाति से आते हैं गौतम टेटवाल।
नारायण पवार
- व्यावरा से विधायक हैं।
- पहली बार मंत्री बने।
प्रतिमा बागरी
- रैगांव से विधायक हैं।
- पहली बार विधायक निर्वाचित हुईं।
- विंध्य क्षेत्र से आती हैं।
नरेंद्र शिवाजी पटेल
- रायसेन जिले के उदयपुरा सीट से विधायक हैं।
- पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
दिलीप अहिरवार
- छतपुर जिले की चंदला विस से विधायक हैं।
- पहली बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
राधा सिंह
- चितरंगी से विधायक हैं।
- पहली बार विधायक निर्वाचित हुईं।
- अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती हैं।
लखन पटेल
- दमोह के पथरिया से विधायक हैं।
- 2 बार से विधायक हैं।
- बुंदेलखंड से आते हैं।