मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम 3 दिसंबर को सामने आ रहे हैं। राज्य में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में वोटिंग की गई थी। इस बार भी राज्य के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है। दोनों ही दल चुनाव में अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस बीच पाठकों के लिए ये भी जानना जरूरी है कि किसी भी दल को राज्य में सरकार बनाने के लिए कितनी सीटों की जरूरत पड़ने वाली है। आइए जानते हैं।
क्या है बहुमत का आंकड़ा?
मध्य प्रदेश में कुल 52 जिलों के अतर्गत 230 विधानसभा सीटें आती हैं। किसी भी दल को राज्य में सरकार गठन करने के लिए 116 सीटों की जरूरत पड़ती है। अगर किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता तो इसे त्रिशंकु विधानसभा का नाम दिया जाता है। ऐसे में कोई दल या तो अन्य दलों के साथ गठबंधन कर के सरकार बनाता है या फिर किसी भी दल की सहमति न बनने पर राज्य में दोबारा चुनाव कराए जाते हैं।
पिछली बार क्या थे परिणाम?
साल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114, भाजपा को 109, बसपा को 2, सपा को 2 और 4 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी। परिणाम के बाद कांग्रेस ने निर्दलीय और सपा, बसपा के विधायकों को मिलाकार सरकार बना डाली। हालांकि, 15 महीने के भीतर ही भाजपा ने पासा पलट दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 विधायक समर्थकों सहित बीजेपी में शामिल हो गए। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के सीएम बने थे।
दोनों दलों का बहुमत का दावा
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मध्य प्रदेश में बहुमत का दावा कर रही है। राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य विधानसभा चुनाव में करीब 125 से 140 सीटें जीतने जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में 135-175 सीटें जीतेगी और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
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