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Hindi News मध्य-प्रदेश रेमडेसिविर की खेप मप्र पहुंचीं, हेलिकॉप्टर और सरकारी विमान से अलग-अलग हिस्सों में भेजी गईं

रेमडेसिविर की खेप मप्र पहुंचीं, हेलिकॉप्टर और सरकारी विमान से अलग-अलग हिस्सों में भेजी गईं

कोविड-19 की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच रेमडेसिविर दवा की कुल 9,600 शीशियां बृहस्पतिवार को यहां पहुंचीं जहां से इन्हें सरकारी विमान और हेलिकॉप्टर के जरिये राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया।

<p>रेमडेसिविर की खेप...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV रेमडेसिविर की खेप मप्र पहुंचीं, हेलिकॉप्टर और सरकारी विमान से अलग-अलग हिस्सों में भेजी गईं

इंदौर (मध्यप्रदेश): कोविड-19 की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच रेमडेसिविर दवा की कुल 9,600 शीशियां बृहस्पतिवार को यहां पहुंचीं जहां से इन्हें सरकारी विमान और हेलिकॉप्टर के जरिये राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 की जरूरी दवा की यह खेप महाराष्ट्र के नागपुर से ट्रक के माध्यम से इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे से इसे सरकारी विमान और हेलीकॉप्टर के जरिये प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजा गया।

उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर के 200 बक्से इंदौर हवाई अड्डे पहुंचे जिनमें कुल 9,600 शीशियां हैं। हेलिकॉप्टर के माध्यम से इनमें से 42 बक्से भोपाल, सात बक्से रतलाम और चार बक्से खंडवा पहुंचाए गए। इसी तरह, सरकारी विमान से 19 बक्से ग्वालियर, 18 बक्से रीवा, 39 बक्से जबलपुर और 14 बक्से सागर पहुंचाए गए। रेमडेसिविर के 57 बक्से इंदौर के मरीजों के लिए रखे गए हैं जो राज्य में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है।

गौरतलब है कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर की 9,600 शीशियां ऐसे वक्त मध्य प्रदेश पहुंचीं, जब राज्य में इस दवा की भारी किल्लत है और मरीजों के परिजन इसकी कालाबाजारी की शिकायतें भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बताया था कि 12000 इंजेक्शन गुरुवार तक उन्हें उपलब्ध हो जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर खड़ा है जहां जरूरत पड़े वहां पर उसके जरिए इंजेक्शन भेजे जाएंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्हें प्राइवेट अस्पतालों की भी चिंता है इसलिए अब सरकार कंपनियां ढूंढ कर युद्ध स्तर पर बात कर रही है कि इंजेक्शन कहां मिल सकते हैं।