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Hindi News मध्य-प्रदेश सतना लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला, विधानसभा के प्रतिद्वंद्वी फिर आमने-सामने

सतना लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला, विधानसभा के प्रतिद्वंद्वी फिर आमने-सामने

4 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में सतना सीट पर भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर गणेश सिंह और कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा के बीच मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस के कुशवाहा ने गणेश सिंह को लगभग पांच हजार वोटों के अंतर से मात दी थी।

Ganesh singh siddharth kushwaha- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO गणेश सिंह और सिद्धार्थ कुशवाहा

मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला होने जा रहा है।अब से 4 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के प्रतिद्वंदी एक बार फिर आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने जहां विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं भाजपा ने चार बार से सांसद और अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव हारने वाले गणेश सिंह को मैदान में उतारा है।

सतना लोकसभा सीट की स्थिति पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि यहां पिछड़े वर्ग की बहुलता है। इसी बात को ध्यान में रखकर भाजपा ने जहां गणेश सिंह को एक बार फिर मौका दिया है, दूसरी ओर कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाहा को मैदान में उतारा है। गणेश सिंह कुर्मी जाति से आते हैं, वहीं सिद्धार्थ का नाता कुशवाहा जाति से है। इन दोनों ही जातियों के मतदाताओं की संख्या यहां अच्छी खासी है। वहीं इस सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा नहीं है।

सतना लोकसभा सीट का इतिहास-

इस सीट के इतिहास पर गौर करें तो अब तक 15 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस पांच बार जीती है। भाजपा, जिसमें जनसंघ और जनता पार्टी भी शामिल है, नौ बार जीती है। इसके अलावा 1996 में बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार भी जीता है। इन 15 चुनावों में जहां सात बार पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को जीत मिली, वहीं दो बार अल्पसंख्यक भी चुनाव जीते हैं। यहां कांग्रेस अंतिम बार 1991 में जीती थी, जब अर्जुन सिंह निर्वाचित हुए थे। गणेश सिंह चार बार से सांसद हैं और पांचवी बार चुनावी मैदान में हैं। सिद्धार्थ कुशवाहा के पिता सुखलाल कुशवाहा सतना से बसपा के सांसद रह चुके हैं। सतना संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से पांच पर भाजपा का कब्जा है और दो कांग्रेस के पास है।

कुशवाहा ने गणेश सिंह 5000 वोटों के अंतर से दी थी मात

लगभग चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में सतना विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर गणेश सिंह और कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा के बीच मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस के कुशवाहा ने गणेश सिंह को लगभग पांच हजार वोटों के अंतर से मात दी थी। यहां बहुजन समाज पार्टी को 33 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां बसपा का भी वोट बैंक है।

क्या कहते है राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछड़े वर्ग और उच्च जाति के मतदाता लगभग बराबर की स्थिति में है, ऐसे में दोनों उम्मीदवारों के पिछड़े वर्ग के होने के कारण उच्च वर्ग के मतदाताओं की भूमिका निर्णायक हो सकती है। यह चुनाव गणेश सिंह को विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ के हाथों मिली हार का हिसाब बराबर करने का मौका भी दे रहा है। (IANS)

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