लोकसभा चुनाव 2024 के पास आते ही राजनीतिक दल अपने-अपने तरीकों से जनते से संपर्क साधने में लग गए हैं। ऐसा ही एक अनोखा तरीका मध्य प्रदेश में भी देखने को मिला है। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए चंदा मांगते हुए रविवार को ‘एक नोट-एक वोट’ अभियान शुरू किया है। पार्टी ने ये भी दावा किया है कि केंद्र सरकार ने उसके बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है, जिसके चलते उसके पास पैसे नहीं है।
बैंक खातों पर रोक लगाने का आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कांग्रेस के बैंक खातों पर रोक लगाने के कदम का उद्देश्य चुनाव से पहले उनकी पार्टी को आर्थिक रूप से कमजोर करना है। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने राज्य ईकाई में बदलाव किया है और जीतू पटवारी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। पटवारी राहुल गांधी के खास नेता माने जाते हैं।
उम्मीदवारों ने मांगे 1-1 रुपये
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने एक नोट-एक वोट अभियान को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर शुरू किया। यहां भोपाल से पार्टी के उम्मीदवार अरुण श्रीवास्तव और जबलपुर के प्रत्याशी दिनेश यादव ने हाथों में बॉक्स लेकर प्रत्येक व्यक्ति से एक रुपया मांगा और एक वोट देने का अनुरोध किया। मध्य प्रदेश में अन्य सीट से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने भी इस अभियान में हिस्सा लिया।
कांग्रेस को मिली राहत
लोकसभा चुनाव के दौरान इनकम टैक्स की ओर से भेजे गए नोटिस के मामले में परेशान कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दिया है कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से 1700 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा। जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग का कहना है कि वह चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी नहीं करना चाहता। विभाग के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी को राहत मिलने की उम्मीद है। (इनपुट: भाषा)
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