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Hindi News मध्य-प्रदेश Madhya Pradesh में शराब की दुकानें सोमवार से खोलने की तैयारी, हर रोज हुआ 30 करोड़ राजस्व का नुकसान

Madhya Pradesh में शराब की दुकानें सोमवार से खोलने की तैयारी, हर रोज हुआ 30 करोड़ राजस्व का नुकसान

आबकारी आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि दुकानों का संचालन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही किया जा सकेगा।

Liquor- India TV Hindi Image Source : FILE Representational Image

भोपाल. मध्य प्रदेश में मदिरा एवं भांग दुकानें सोमवार से खुल जाएंगी, राज्य को इन दुकानों से हर रोज 30 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होती रही है। इस लिहाज से राज्य को शराब व भांग दुकानों के बंद रहने से हर रोज 30 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। राज्य में 29 मार्च से देशी और विदेशी शराब की दुकानें कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से बंद कर दी गई थी।

आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने आईएएनएस को बताया कि राज्य का वर्ष 2020-21 में अनुमानित राजस्व प्रतिदिन 30 करोड़ रुपये थी। इसी के मुताबिक यह दुकानें बंद रहने से राजस्व की हानि हुई है। सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण 36 दिन मदिरा व भांग दुकानें बंद रही, अनुमान है कि इस तरह राज्य को इस मद से प्राप्त होने वाले राजस्व का लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सोमवार से शराब दुकानें खुलने वाली हैं। इस संदर्भ में आबकारी आयुक्त बहुगुणा ने सभी जिलाधिकारियों को दिशा- निर्देश जारी किए हैं।

बहुगुणा द्वारा जिलाधिकारियों के जारी परिपत्र में कहा गया है, "कोरोना की राष्ट्रीय विपदा के दृष्टिगत जिन जिलों में कलेक्टर द्वारा मदिरा एवं भांग दुकाने खोले जाने की अनुमति दी जाएगी, वहां सोशल और पर्सनल डिस्टेंसिंग एवं अन्य बचाव उपायों का शत-प्रतिशत पालन करना होगा। कलेक्टरों से कहा गया है कि चार मई से इन दुकानों के संचालन की अनुमति देते समय भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुक्रम में ग्रीन-आरेंज एवं रेड जोन के मान से ही निर्णय लिया जाए।

आबकारी आयुक्त द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि दुकानों का संचालन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही किया जा सकेगा। मदिरा दुकानों से सभी तरह की शासकीय औपचारिकताएं पूर्ण कराई जाएंगी तथा दुकानों के संचालन के लिए लाइसेंसधारी और उनके कर्मचारियों को ही पास जारी किए जाएंगे। मदिरा भंडार गृहों को भी अनुमति जारी करने के संबंध में कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं।