जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंत्री से पूछा- अपना पर्चा नहीं बनवाना? फिर सरकारी खर्च पर बने पांडाल की खोली पोल; VIDEO
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की दो दिनी कथा के एक दिन पहले 22 सितंबर को वन मंत्री विजय शाह ने अपने वन विभाग के जरिये कथा पांडाल में ही मुख्यमंत्री का कार्यक्रम करवाया था। अब पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक वाकया सुनाते हुए इसका खुलासा कर दिया है।
मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रविवार को हरसूद में अपना दिव्य दरबार लगाया। अपने इस दिव्य दरबार में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अनेकों भक्तों का पर्चा खोला। वहीं, इस दौरान उन्होंने अपने ही अंदाज में कथा के आयोजक और प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह से भी पूछ लिया कि क्या उन्हें तो अपना पर्चा नहीं बनवाना है? हालांकि इस पर वन मंत्री शाह ने उन्हें इशारे से मना कर दिया। लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने परिचय के बहाने मंत्री का पर्चा खोल ही दिया। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, वन मंत्री विजय शाह खुले और दिल के साफ इंसान है। हमें गाड़ी में बैठे-बैठे खूब हंसाया। कहने लगे कि गुरुजी कथा का पांडाल बड़ा था, बहुत महंगा था। इसलिए हमने नेताजी (मुख्यमंत्री) को बुलाकर खर्चा बचा लिया।
बाबा बागेश्वर बोले- तुम्हारी धर्मपत्नी का पर्चा बनवा दो
बता दें कि इस वाकये का एक वीडियो भी अब सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है। जिले के हरसूद में रविवार सुबह से बागेश्वर धाम वाले महाराज धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार शुरू हुआ। उनके पास अर्जी लगाने के लिए लोग पहुंचे। उनसे कुछ संवाद हो पाता इससे पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा भाग्य है कि हमें खंडवा में कथा करने का अवसर मिला। हनुमान जी ने सुन लिया और हमें खंडवा आने का मौका मिल गया। धन्यवाद है, आयोजन करवाने वाले, वनमंत्री विजयशाह का। वे कहां है, आज दरबार में हंसी नहीं दिख रही। इधर, इतने में मंत्री उठे और अपना चेहरा दिखाया। इस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंत्री से पूछा- तुम्हें तो नहीं बनवाना है, पर्चा? तुम्हारी धर्मपत्नी का बनवा दो।
देखें वीडियो-
वन मंत्री के साथ बातचीत का वाकया सुनाया
आगे एक वाकया सुनाते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ''मंत्री दिल के बहुत साफ आदमी है। इसमें कोई संदेह नहीं है। हम गाड़ी में बैठकर आए तो वे हंसाते रहते थे। उनकी बातों में कोई लाग लपेट नहीं। गाड़ी में बैठे-बैठे कहने लगे गुरुजी पांडाल बड़ा था, बहुत महंगा था इसलिए हमने नेताजी को बुलाकर खर्चा बचा लिया। अब बताइए इतने भोले तरीके से बात बोल देते है। कथा करवाने के लिए उनका क्षेत्र के प्रति भाव था। यही वजह है कि खंडवा वालों को बालाजी के दर्शन का लाभ मिल गया। हम राजनीतिक रूप से किसी का सपोर्ट नहीं करते। सिर्फ जो सच्चा भक्त होता है, उसे आशीर्वाद देते है। आयोजन की व्यवस्था के लिए एक बार वन मंत्री के सुपुत्र बाबा (दिव्यादित्य) के लिए ताली बजा दीजिए।''
गौरतलब है कि दो दिनी कथा के एक दिन पहले 22 सितंबर को वन मंत्री विजय शाह ने अपने वन विभाग के जरिये कथा पांडाल में ही मुख्यमंत्री का कार्यक्रम करवाया था। इस कार्यक्रम के जरिये निमाड़ भर के तेंदुपत्ता संग्राहकों को चप्पल, साड़ी, पानी की बोतल और छाता वितरित किए गए थे। साथ ही तेंदुपत्ता संग्राहकों को उनकी उपज बिक्री का बोनस वितरण किया गया।
(रिपोर्ट– प्रतीक मिश्रा)
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