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Hindi News मध्य-प्रदेश कांतिलाल भूरिया ने मांग लिया जीतू पटवारी का इस्तीफा, कहा- सभी सीट हारे हैं, नैतिकता के आधार पर यही होता है

कांतिलाल भूरिया ने मांग लिया जीतू पटवारी का इस्तीफा, कहा- सभी सीट हारे हैं, नैतिकता के आधार पर यही होता है

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन मध्य प्रदेश में कोई सीट नहीं जीत पाई। पार्टी के इस प्रदर्शन पर कांतिलाल भूरिया ने वुराशा जाहिर की है।

Jitu Patwari- India TV Hindi Image Source : PTI जीतू पटवारी

मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने जीतू पटवारी से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि एमपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। हालांकि, कांतिलाल भूरिया खुद रतलाम लोकसभा सीट से चुनाव हार गए। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि जिन लोगों की दो पत्नियां हैं, उन्हें दो लाख रुपये मिलेंगे। उनका यह बयान काफी चर्चा में भी रहा था।

भूरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में 6 सीट पर SC और चार सीट पर ST चुने गए हैं। मोदी इन्हें मंत्रिमंडल में जगह दें। पीएम बेईमानी करके इतनी सीट ला पाए हैं, यह लोकतंत्र संविधान को खत्म करना चाहते थे। मध्य प्रदेश को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को देना चाहिए। इस्तीफा क्योंकि नैतिकता के आधार पर यह होता है अब यह प्रदेश अध्यक्ष को सोचना चाहिए।

मध्य प्रदेश में कोई सीट नहीं जीत पाई कांग्रेस

2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में कोई लोकसभा सीट नहीं जीत सकी। 2019 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के नकुलनाथ जीत दर्ज करने में सफल रहे थे, लेकिन 2024 में वह भी हार गए और राज्य की सभी 29 सीटें बीजेपी के खाते में गई। मध्य प्रदेश के तीन पड़ोसी राज्य (महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान) में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। तीनों राज्यों में पहले की तुलना में कांग्रेस की सीटें कम हुईं। वोट शेयर भी गिरा। अंतर इतना था कि पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। पीएम मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए गठबंधन का सहारा लेना पड़ा। इसके बावजूद मध्य प्रदेश में बीजेपी की सीटें बढ़ गईं। वहीं, कांग्रेस ने एकमात्र सीट भी गंवा दी। 

विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन बहुमत के आंकड़े से लगभग 40 सीट दूर है। ऐसे में अगर मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस के खाते में भी ज्यादा सीटें आतीं तो मामला अलग हो सकता था। कांग्रेस के पास जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने का बेहतर मौका हो सकता था।