भोपाल: मध्य प्रदेश में 'आइटम' शब्द को लेकर शुरू हुए सियासी घमासान के बीच लेटरवार भी जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पत्र का जवाब देते हुए उन्हें सलाह दी है कि वे मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों को प्यार करना सीखें। कमलनाथ ने पिछले दिनों डबरा में बीजेपी की उम्मीदवार और राज्य सरकार की मंत्री इमरती देवी का नाम लिए बगैर आइटम कह दिया था। इस पर राज्य में सियासी माहौल गरमाया हुआ है।
चौहान ने सोनिया को लिखी थी चिट्ठी
कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री चौहान ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी, तो दूसरी ओर कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखकर उन पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया था। कमलनाथ के पत्र का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है, ‘इमरती देवी के खिलाफ आप की ओर से की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर आप अलग-अलग ढंग से सफाई दे रहे हैं। कभी आप कहते हैं कि आपकी टिप्पणी में अपमानजनक कुछ भी नहीं है और आइटम शब्द का अर्थ प्रदेश की जनता को समझाने लगते हैं। कहीं आप अपनी टिप्पणी पर खेद भी व्यक्त कर रहे हैं।’
‘मेरे ख्याल से आपको माफी मांगनी चाहिए’
उन्होंने आगे कहा है, ‘मेरे विचार से आपको ईमानदारी से एक गरीब और अनुसूचित जाति वर्ग की बेटी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। आप जैसा वरिष्ठ एवं जिम्मेदार पद पर रहे कांग्रेसी नेता का अपनी गलती से बचने और उसकी सफाई में अनावश्यक तर्क देने का रवैया उचित नहीं है। आपके 15 माह के शासन में महिलाओं और बेटियों पर जो अत्याचार हुए हैं, उसके आंकड़े सभी के सामने हैं। इन अत्याचारों को रोकने की बजाय अपनी एवं कांग्रेस की संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया, सिर्फ इतना ही नहीं, आप केंद्र में यूपीए सरकार के समय महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को देख सकते हैं, जिसमें निर्भया जैसी घटनाओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्त है।’
‘आप एमपी के लोगों को प्यार करना सीखें’
कमलनाथ द्वारा जेब में नारियल रखकर चलने के आरोपों का भी उन्होंने जवाब दिया। चौहान ने कहा, ‘आपकी सरकार और आप के मंत्री पूरे समय तबादला और भ्रष्टाचार में लगे रहे। विकास कार्यो की तरफ न तो आपकी दृष्टि थी और न ही कोई प्रयास, जो व्यक्ति आज विकास कार्य को गति दे रहा है, वह आपको अच्छा नहीं लग रहा। आप मध्य प्रदेश और यहां के लोगों को प्यार करना सीखें, भले ही आप मध्य प्रदेश के नहीं हैं उसके बावजूद भी वह आपको स्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं। आपका भी फर्ज बनता है कि आप मध्य प्रदेश के विकास और यहां की जनता के हित के बारे में सोचें। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए कि आप मध्य प्रदेश को सिर्फ लूट-खसोट का जरिया बनाएं और अपना और अपने पार्टी के लोगों का स्वार्थ सिद्ध करें।’