नयी दिल्ली: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट का रूख कर, निर्वाचन आयोग द्वारा उनका ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा रद्द किए जाने संबंधी फैसले को चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ का ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया था। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आयोग के फैसले को विभिन्न आधारों पर चुनौती दी है और याचिका पर तत्काल सुनवाई कराये जाने का आग्रह किया जायेगा।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को ‘नैतिक और गरिमामय व्यवहार’ के कथित उल्लंघन पर संज्ञान लिया था और कांग्रेस नेता का ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा रद्द कर दिया था। तन्खा ने कहा कि अधिवक्ता वरुण चोपड़ा के माध्यम से याचिका दायर की गई है और शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री द्वारा इसमें बताई गई त्रुटियां दूर कर ली गई हैं।
आयोग ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का, राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।’’
आयोग ने कहा था कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।’’
चुनाव आयोग ने कहा था कि उसने इस मामले पर गंभीरता से विचार किया और अप्रसन्नता के साथ महसूस किया कि एक राजनीतिक दल का नेता होने के बावजूद कमलनाथ बार-बार आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों तथा नैतिक और गरिमामय व्यवहार का उल्लंघन कर रहे हैं।
आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ उनकी टिप्पणी का उल्लेख किया। उन्होंने एक हालिया चुनावी कार्यक्रम में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ माफिया और मिलावट खोर शब्दों का इस्तेमाल किया था। आयोग ने पिछले हफ्ते कमलनाथ को चुनाव प्रचार में आयटम जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करने को कहा था।
कमलनाथ ने एक रैली में मंत्री और भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था। आयोग ने 29 सितम्बर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी और आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी। उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान एक नवम्बर को समाप्त हो जायेगा।