मध्य प्रदेश के गलियारे मे चुनावी रंग ने जोर पकड़ रखा है। राजनीतिक पार्टियां चुनावी रण की तैयारी में लगी हुई हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमनलाथ ने वर्तमान शिवराज सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक (वर्ग-3) भर्ती परीक्षा 2020 में सेलेक्ट ओबीसी कैंडिडेट्स के नियुक्ति पत्र और अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को लेकर एक एक बयान सामने आया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने X हैंडल( पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एमपी प्राथमिक शिक्षक (वर्ग-3) भर्ती परीक्षा 2020 में चयनित 882 ओबीसी अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
'नियुक्ति में आएगी बाधा'
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि ये अभ्यर्थी आयुक्त स्कूल शिक्षा के कार्यालय के सामने नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने आगे पोस्ट में लिखा कि, मुझे प्राप्त जानकारी के अनुसार अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर इनमें से कई अभ्यर्थियों के खिलाफ मामले दर्ज कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने से उनकी नियुक्ति में बाधा आएगी।
'आदेश जारी न करना, मनमानी व तानाशाही को दर्शाता है'
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि, मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि तत्काल इन सभी अभ्यर्थियों पर लगाए गए मामले वापस लिए जाएं। उन्होंने कहा कि खाली पदों पर चयन की विधिवत प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियुक्ति आदेश जारी न करना शिवराज सरकार की मनमानी व तानाशाही को दर्शाता है।
'नियमानुसार दी जाएगी सेलेक्टेड शिक्षकों को नियुक्ति'
पूर्व सीएम ने कहा, मैं इन शिक्षकों की मांगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए यह आश्वासन देता हूं कि कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर नियमानुसार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी। इसके साथ चयनित शिक्षकों के द्वारा नियुक्ति की मांग को लेकर दर्ज किए गए अपराधिक प्रकरण समाप्त करने पर न्यायपूर्ण कार्यवाही की जाएगी।
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