मध्य प्रदेश विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष बने कमलनाथ, 5 महीने से खाली पड़ा था पद
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।
मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस ने कमलनाथ को विधायक दल के नेता का दायित्व सौंपा है। मध्यप्रदेश विधानसभा में कमलनाथ कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर नेता प्रतिपक्ष का दायित्व संभालेंगे।
अभी कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव को इस सम्बंध में पत्र भेज दिया गया है। शिवराज सरकार बनने के बाद करीब 5 महीने से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था।
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दिग्विजय सिंह ने की थी कमलनाथ की तारीफ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्हे उम्मीद नहीं थी कि कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के रुप में मध्यप्रदेश में इतनी मेहनत करेंगे। प्रदेश में आगामी उपचुनाव में कांग्रेस के रणनीति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने मंगलवार रात को छिंदवाड़ा में पत्रकारों से कहा, 'कमलनाथ जी बहुत मेहनत कर रहे हैं और मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि कमलनाथ जी इतनी मेहनत मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के रूप में करेंगे। लोगों को यह भरोसा नहीं होता था कि कमलनाथ जी भोपाल में रह पायेंगे कि नहीं रह पायेंगे। लेकिन अपेक्षा से अधिक समय वो दे रहे हैं, खूब मेहनत कर रहे हैं। तबियत खराब हो जाती है, उसके बाद भी सब लोगों से मिल रहे हैं और हमें उनके नेतृत्व में पूरा विश्वास है।'
विधायकों ने छोड़ा था कांग्रेस का साथ आज हुए बीजेपी में शामिल
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायकों पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि पार्टी के साथ गद्दारी करने वालों को जनता सबक सिखायेगी और उप चुनाव में उन्हें हरा देगी।' मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की सरकारी नौकरियां केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासी युवाओं को देने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, 'चौहान को नकली घोषणा करने की आदत है।'
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उन्होंने कहा कि जब तक इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी नहीं होती वह इस घोषणा पर भरोसा नहीं कर सकते।' वर्ष 1993 से 2003 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में उन्होंने नियम बनाया था कि मध्यप्रदेश से 10 वीं और 12 वीं पास करने वाले युवाओं को प्रदेश में सरकारी नौकरी दी जायेगी। लेकिन भाजपा सरकार ने इस नियम को बदल दिया और अन्य प्रदेशों के युवाओं को मध्यप्रदेश में नौकरियाँ मिलने लगी। सिंह ने कहा कि देश के उद्योगपति पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व पर भरोसा कर प्रदेश में निवेश कर रहे थे, लेकिन वे अब रुक गये हैं क्योंकि वर्तमान भाजपा सरकार पर वह भरोसा नहीं करते क्योंकि भाजपा ने 15 साल के शासन काल में कुछ नहीं किया।