Jyotiraditya Scindia: सिंधिया राजघराने और महारानी लक्ष्मीबाई के बीच की दूरियों को खत्म करने की कवायद शुरू हुई है और इसकी शुरुआत महारानी लक्ष्मीबाई को ग्वालियर के जय विलास पैलेस में एंट्री दिए जाने के साथ हुई है। जय विलास पैलेस में लगी गाथा स्वराज की में मराठा राजाओं के साथ रानी लक्ष्मीबाई के परिवार की शौर्य गाथा को स्थान देकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सियासी तौर पर नई इबारत लिखने की कोशिश की है।
सिंधिया घराने की 160 साल से महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से दूरी
आजादी की पहली लड़ाई 1857 की नायिका महारानी लक्ष्मीबाई के मामले में सिंधिया राजघराने की भूमिका हमेशा से चर्चा में रही है। इसी के चलते सिंधिया राजघराने की लगभग 160 साल से महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से दूरी रही है। अब इस दूरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खत्म करने का बीड़ा उठाया है।
सिंधिया राज परिवार के जय विलास पैलेस में गाथा स्वराज की प्रदर्शनी लगी है। इस प्रदर्शनी में अन्य माराठा नायकों के साथ मराठा क्षत्राणियों की भी तस्वीरें लगाई गई है। इसमें रानी लक्ष्मीबाई के परिवार को भी स्थान मिला है। इस गाथा स्वराज की गैलरी का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते रोज उद्घाटन किया था।
लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर चुके हैं सिंधिया
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सियासी तौर पर नई इबारत लिखने की कोशिश में लगे हुए हैं, वह पहले महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर चुके हैं और अब जय विलास पैलेस में महारानी लक्ष्मीबाई के परिवार की तस्वीर लगाई गई है। इसका साफ संकेत है कि सिंधिया उस मुद्दे को ही खत्म कर देना चाहते हैं जिसको लेकर उनके परिवार पर आरोप लगते रहे हैं।
सिंधिया घराने पर स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई में अंग्रेजों का साथ देने के आरोप
गौरतलब है कि जब सिंधिया कांग्रेस में थे तो बीजेपी की ओर से उनके परिवार पर स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई में अंग्रेजों का साथ देने के आरोप लगते थे, अब बीजेपी में है तो कांग्रेस उन्हें घेरने की कोशिश करती है मगर सिंधिया ने जय विलास की गाथा स्वराज की में लक्ष्मीबाई के परिवार की तस्वीर लगाकर और उनके आजादी के आंदोलन में दिए गए योगदान को याद कर सियासी मुद्दे को ही बोथरा कर दिया है।