मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पति द्वारा सेल्फी ना लेने से पत्नी नाराज हो गई और मामला इस कदर बढ़ गया कि तलाक की नौबत आ गई। लेकिन इस मामले में जज ने भी अनोखा आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
मंदसौर लोक अदालत में कई सालों से बिछड़ा हुआ परिवार एक हो गया। प्रधान न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने इस मामले में मध्यस्थता की और खुद के साथ पति द्वारा सेल्फी न लेने के कारण रूठी हुई पत्नी को मना लिया। दरअसल जज ने पति-पत्नी को भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर भेजा और पति को भगवान को साक्षी मानकर अपनी पत्नी के साथ सेल्फी लेने के लिए निर्देश दिए।
पति ने न्यायालय के आदेश का पालन किया, जिससे घर छोड़कर गई नाराज पत्नी ने अपना गुस्सा छोड़ दिया और पति के साथ जाने को तैयार हो गई। पायल (बदला हुआ नाम) का विवाह महेंद्र के साथ 21 दिसंबर 2020 को हुआ था। पायल मात्र चार-पांच दिन अपने ससुराल में रही। जब महेंद्र उसे लेने गया तो उसकी पत्नी और उसके परिजनों ने उसके साथ विवाद किया।
4 सालों के दौरान अनेकों प्रयासों के बाद पत्नी विवाद खत्म करने नहीं आई। विवाद बढ़ता चला गया। तलाक की याचिका प्रस्तुत कर दी गई। वहीं पायल ने भरण-पोषण दिलाए जाने का प्रकरण प्रस्तुत किया। लोक अदालत में सुलह कराते हुए सेल्फी के निर्देश न्यायाधीश ने दिए और सेल्फी लेने के साथ सुलह कराई गई।
इसके बाद न्यायाधीश के निर्देश पर नई आबादी थाने के आरक्षक राजकुमार एवं भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के प्रबंधन के सहयोग से मंदिर में ली गई सेल्फी का फोटो प्रस्तुत किया गया। इस मामले के सामने आने के बाद हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है और लोगों का कहना है कि कई बार छोटी सी बात रिश्ता टूटने की वजह बन जाता है, ऐसे में सावधान रहें और रिश्तों को बचाकर रखें। (इनपुट: मंदसौर से अशोक परमार)