मध्यप्रदेश सरकार के एक सब इंजीनियर के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार को छापे मारे और बड़े पैमाने पर बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया। लोकायुक्त पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के सब इंजीनियर गजानन पाटीदार के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से अकूत संपत्ति अर्जित की है। इस शिकायत पर पाटीदार और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के कुल नौ ठिकानों पर छापे मारे गये। इनमें इंदौर के आठ और पड़ोसी खरगोन जिले का एक ठिकाना शामिल है।
उन्होंने बताया कि पाटीदार के इंदौर के स्कीम नम्बर 78 स्थित घर में लगभग 25 लाख रुपये की नकदी, करीब दो किलोग्राम के स्वर्णाभूषण, चांदी के लगभग तीन किलोग्राम वजनी जेवरात और अन्य कीमती सामान मिला है। इसके अलावा, शहर के विजय नगर क्षेत्र और अन्य स्थानों पर उनकी कई अचल संपत्तियों के बारे में सुराग मिले हैं जिनकी तसदीक की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि पाटीदार बतौर अनुरेखक (ट्रेसर) आईडीए की सरकारी सेवा में वर्ष 1987 में शामिल हुए थे। वर्ष 1997 में उन्हें सब इंजीनियर के रूप में पदोन्नत कर दिया गया था। उन्होंने बताया, "पाटीदार का भाई रमेशचंद्र भवन निर्माण ठेकेदार है। हमें संदेह है कि भवन निर्माण के कारोबार में दोनों भाइयों के बीच भागीदारी है और पाटीदार ने सरकारी प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए अपने भाई को ठेके दिलाने में मदद की है।"
सब इंजीनियर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की विस्तृत जांच और सरकारी कारिंदे की बेहिसाब संपत्ति का मूल्यांकन जारी है।