इंदौर: देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान इस महामारी के 84 नये मामलों की पुष्टि के साथ ही इसके मरीजों की तादाद 3,260 से बढ़कर 3,344 हो गयी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 से संक्रमित 80 वर्षीय महिला और 84 वर्षीय पुरुष समेत चार मरीजों की अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत हो गयी। इसके बाद जिले में इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 126 पर पहुंच गई है।
अधिकारियों के मुताबिक इनमें शामिल 62 वर्षीय पुरुष ने 20 मई को शहर के एक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ा था लेकिन उसकी मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के 28 मई को देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में दी गयी यानी इस मौत का खुलासा आठ दिन बाद किया गया। जिले में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का आधिकारिक ब्योरा विलंब से जाहिर किये जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
गैर सरकारी संगठनों का आरोप है कि विभाग इन मौतों का खुलासा अपनी सुविधानुसार कर रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर सीएमएचओ ने कहा, ‘‘जिले में कोविड-19 की स्थिति के बारे में हम कुछ भी छिपाना नहीं चाहते हैं। कई बार संबंधित अस्पताल हमें इस महामारी के मरीज की मौत की जानकारी देरी से देता है इसलिए इसका ब्योरा बताए जाने में हमारी ओर से भी थोड़ा विलम्ब हो जाता है।’’
कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है। जिले में कोरोना वायरस के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी।