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Hindi News मध्य-प्रदेश कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रत्याशी को बताया फरार, पोस्टर लगाकर रखा 5100 रुपए का इनाम

कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रत्याशी को बताया फरार, पोस्टर लगाकर रखा 5100 रुपए का इनाम

कांग्रेस की शहर इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव का इस मामले में बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि कोई कांग्रेस कार्यकर्ता या आम नागरिक अगर इस नेता के बारे में जानकारी देता है तो उसे 5,100 रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।

akshay-kanti-bam- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA अक्षय कांति बम

इंदौर: मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में आखिरी मौके पर पर्चा वापस लेकर बीजेपी में शामिल होने वाले स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम के खिलाफ कांग्रेस ने शहर में अलग-अलग जगह पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टर में बम (46) को हत्या के कथित प्रयास के 17 साल पुराने मामले में फरार बताया गया है और उनकी सूचना देने वाले व्यक्ति को 5,100 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की गई है। 

क्या है मामला?

इस मामले में एक सत्र न्यायालय ने बम और उनके 75 वर्षीय पिता कांतिलाल के खिलाफ 10 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। खजराना पुलिस थाने के प्रभारी सुजीत श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि दोनों आरोपियों की तलाश जारी है।

कांग्रेस की शहर इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा, 'कांग्रेस के साथ गद्दारी करने वाले बम हत्या के प्रयास के मामले में फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी में पुलिस का सहयोग करने के लिए हमने शहर के प्रमुख चौराहों, तिपहिया वाहनों और चार पहिया वाहनों पर पोस्टर लगाए हैं।'

उन्होंने कहा कि अगर कोई कांग्रेस कार्यकर्ता या आम नागरिक बम के बारे में पुलिस को सूचना देगा, तो उसे उनके द्वारा 5,100 रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। हत्या के कथित प्रयास के मामले में बम और उनके पिता की अग्रिम जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में 24 मई (शुक्रवार) को सुनवाई होनी है।

शहर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने जमीन विवाद को लेकर स्थानीय किसान यूनुस पटेल पर 2007 में कथित हमले के संबंध में बम और उनके पिता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का 24 अप्रैल को आदेश दिया था। 

इस आदेश के महज पांच दिन 29 अप्रैल को बम ने इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस लेने का कदम उठाया था। वह इसके तुरंत बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे। (इनपुट: भाषा)