इंदौर: देश में कोविड-19 के प्रसार का बड़ा केंद्र बने इंदौर जिले में आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ने की आशंका है। इसके मद्देनजर प्रशासन जुलाई अंत तक जिले में मरीजों के बिस्तरों की तादाद तीन गुना से ज्यादा बढ़ाकर 13,000 पर पहुंचाने की कवायद में जुटा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया, "फिलहाल जिले में कोविड-19 के 1,472 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। हालांकि, आने वाले दिनों में इस महामारी के मरीजों की तादाद को लेकर लगाये गये सरकारी अनुमान के मुताबिक हमें कहा गया है कि इनके लिये जुलाई अंत तक कुल 13,000 बिस्तर तैयार रखे जायें।"
जड़िया ने बताया कि फिलहाल जिले के अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिये करीब 4,000 बिस्तर तैयार हैं। अतिरिक्त इंतजाम करते हुए इनकी तादाद बढ़ायी जा रही है और कुछ नये अस्पतालों को इस महामारी के चिकित्सा तंत्र से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर इंदौर के आईआईटी और आईआईएम के छात्रावासों के कमरों में भी कोविड-19 के मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। इस सिलसिले में दोनों संस्थानों के प्रबंधन से प्रशासन की चर्चा हो चुकी है।
सीएमएचओ ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में कोविड-19 के 56 नये मरीज मिले हैं। इसके साथ ही, जिले में महामारी की जद में आये लोगों की तादाद 3,008 से बढ़कर 3,064 पर पहुंच गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पायी गयी 60 वर्षीय महिला और 62 वर्षीय पुरुष की यहां अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान शनिवार को मौत हो गयी। मौत के इन दो नये मामलों के साथ ही जिले में कोविड-19 की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 116 हो गयी है।
सीएमएचओ ने बताया कि इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर जिले में कोविड-19 के 1,476 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण मद्देनजर इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है।
जिले में कोरोना वायरस के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी। कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिये प्रशासन ने इंदौर की शहरी सीमा में 25 मार्च से कर्फ्यू लगा रखा है, जबकि जिले के अन्य स्थानों पर कुछ छूटों के साथ लॉकडाउन लागू है।