Chunav Manch: मध्य प्रदेश में चुनावी हलचल के बीच इस बार सनातन एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है। सभी पार्टियां और उम्मीदवार सनातन धर्म को लेकर बात कर रहे हैं। पार्टियां अपने आप को सबसे बड़ा सनातन हितैषी दिख रही हैं। इसी बीच इंडिया टीवी के चुनावी मंच पर स्वामी शैलेशानंद महाराज, डॉक्टर अवधेश पुरी और कंप्यूटर बाबा ने अपनी बातें रखीं। इस दौरान संत बंटे हुए नजर आए। कई विषयों को लेकर तीनों संत की एक राय में नजर आये तो वहीं कुछ मुद्दों को लेकर तीनों संत बंटे हुए दिखे।
इस दौरान स्वामी शैलेशानंद महाराज ने कहा कि आज सरकारें सनातन और हिंदुत्व की बातें तो खूब करती हैं लेकिन इसका आचरण कोई नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सरकारें वोटों की राजनीति के लिए सरकारें सनातन का आवरण तो पहन लेती हैं लेकिन आचरण नहीं अपनाती हैं। उन्होंने कहा कि आजकल नेता अपनी राजनीति के हिसाब से बयान तो दे देते हैं लेकिन जब उसपर काम करने की बात आती है तो वही सबसे पीछे नजर आते हैं। आजकल नेता सोचते हैं कि संतों को वह अपनी गोद में बिठाकर अपने हिसाब से चलाएंगे लेकिन संतों को लेकर वह गलत सोचते हैं।
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वहीं कंप्यूटर बाबा ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले लगभग 2 दशकों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। प्रदेश में सनातन को लेकर केवल बातें कही गईं लेकिन जब काम करने की बात आती है तो प्रदेश की शिवराज सरकार सबसे पिछड़ी हुई नजर आती है। संतों पर अन्याय किया जा रहा है। गाय सड़कों पर मौत का शिकार हो रही हैं। कमलनाथ सरकार ने गायों और संतों के लिए कई योजनायें शुरू कीं लेकिन शिवराज सरकार ने वापस आते ही वह सभी योजनाएं बंद कर दीं।
'आजकल कुछ राजनेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं'
वहीं अवधेश पुरी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आजकल कुछ राजनेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं। वह चंद वोटों के लिए हिंदू धर्म को लेकर जहर उगलते हैं लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि सनातन ही एक मात्र धर्म है। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही कांग्रेस के कुछ नेता हिंदू धर्म का चोला पहन लेते हैं और सरकार में आते ही वह अपना रंग दिखा देते हैं। अवधेश पुरी ने कहा कि मैं और संत समस्त समाज हिंदू मंदिरों और मठों के सरकारीकरण का विरोध करते हैं और अपील करते हैं कि यह सरासर गलत है।