'एक साथ दीपावली मनाई जा सकती है तो एक साथ चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते', कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान
भाजपा महासचिव से पूछा गया था कि भारत के विभिन्न हिस्सों में एक समय पर अलग-अलग मौसमी हालात होने के मद्देनजर देश भर में एक साथ चुनाव कराया जाना व्यावहारिक रूप से संभव है? इस पर उन्होंने जवाब दिया है।
इंदौर (मध्यप्रदेश): ‘‘एक देश, एक चुनाव’’ के विचार की वकालत करते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि जब पूरे देश में दीपावली जैसा त्योहार एक साथ मनाया जा सकता है, तो सभी जगहों पर एक साथ चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते। विजयवर्गीय ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम पूरे देश में दीपावली एक साथ मनाते हैं। क्रिसमस और ईद के त्योहार भी पूरे देश में एक साथ मनाए जाते हैं...तो चुनाव वाला दिन हम एक साथ क्यों नहीं मना सकते।’’ भाजपा महासचिव से पूछा गया था कि भारत के विभिन्न हिस्सों में एक समय पर अलग-अलग मौसमी हालात होने के मद्देनजर देश भर में एक साथ चुनाव कराया जाना व्यावहारिक रूप से संभव है?
सोनिया पर विजयवर्गीय का पलटवार
नए संसद भवन में पेश नारी शक्ति वंदन विधेयक को ऐतिहासिक करार देते हुए विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी की सरकार ने यह विधेयक पेश करके उन लोगों को सीधा जवाब दिया है जो महिला सशक्तिकरण पर केवल कोरी बातें करते थे।’’ महिला आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान ‘‘यह अपना है’’ पर पलटवार करते हुए भाजपा महासचिव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा झूठा श्रेय लेने की राजनीति करती है। उन्होंने कहा, ‘‘एक जमाने में कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए गरीबी हटाओ का नारा दिया था, लेकिन क्या इससे गरीबी कम हुई?’’
उमा भारती ने जताई निराशा
नारी शक्ति वंदन विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण नहीं होने पर वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने निराशा जताई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति से अलग भारती के इस रुख के बारे में प्रतिक्रिया देने से विजयवर्गीय ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें इस विषय में पूरी जानकारी नहीं है। मध्यप्रदेश में नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस की मंगलवार से शुरू ‘‘जन आक्रोश यात्रा’’ को विजयवर्गीय ने ‘‘माफी मांगो यात्रा’’ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि कमलनाथ की अगुवाई में केवल 15 महीने चली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राज्य के किसानों, दूध उत्पादकों, बेरोजगारों और शिक्षकों से किए गए वादे नहीं निभाए थे, इसलिए यह यात्रा निकालकर मतदाताओं से माफी मांगी जा रही है। (इनपुट- भाषा)
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