देशभर में होली का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी रंगों से रंगा नज़र आया। यहां महाकलेश्वर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और होली का त्योहार मना गया। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे। मंदिर परिसर में गुलाल से होली खेली गई और श्रद्धालुओं में एक अलग उत्साह भी देखने को मिला।
कैसा होता है आयोजन? होली के पावन पर्व पर महाकलेश्वर मंदिर में विशेष भस्म आरती का आयोजन होता है। भूतभावन बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। होली के पावन पर्व पर महाकाल मंदिर आने की परंपरा वर्षों से चलती आ रही है। हालांकि प्रशासन द्वारा लागू कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए यह कार्यक्रम किया जा रहा है। एक दिन पहले होलिका दहन के दिन भी विशेष तैयारियां की गई थीं। अब होली-गुलाल का पर्व मनाया जा रहा है।
महाकाल की नगरी उज्जैन में सभी त्योहार उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। महाकाल को उज्जैन का राजा या रक्षक भी कहा जाता है। कोरोना की लहर खत्म होने के बाद इस बार फिर से वैसा ही किया जाएगा। भस्म आरती के बाद तुरंत गुलाल की शानदार होली होती है। महाकाल मंदिर में होली के बाद रंग पंचमी का त्योहार मनाने की भी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन महाकाल के दर्शन करने से दुख दूर होते हैं और कामना पूर्ण होती है।